Contract-Employees Haryana : हरियाणा के विभिन्न विभागों में कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों को नहीं मिलेगा नियमित होने का अवसर, 8 अगस्त को होनी है सुनवाई

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हरियाणा के विभिन्न विभागों में कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों को नहीं मिलेगा नियमित होने का अवसर
हरियाणा के विभिन्न विभागों में कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों को नहीं मिलेगा नियमित होने का अवसर

Contract-Employees Haryana, चंडीगढ़: हरियाणा में प्रशासन के विभिन्न विभागों में कॉन्ट्रैक्ट पर सेवाएं दे रहे 24 हजार कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जाएगा. प्रशासन की तरफ से कांट्रैक्ट कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी कर स्पष्टीकरण दिया गया. नोटिफिकेशन में विभिन्न केस का उल्लेख करते हुए साफ किया गया है कि 2006 या 2016 से पहले डेलीवेजस पर सेवाएं देने वाले कर्मचारियों के 10 साल पूरे होने पर ही उन्हें नियमित किया जाएगा.

कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में लगाई थी याचिका

कांट्रैक्ट पर सेवाएं देने वाले कर्मचारियों को नियमितीकरण का कोई प्रविधान नहीं रहेगा. केंद्रीय सेवा नियम लागू होने के बाद विभिन्न विभागों में कॉट्रैक्ट पर नियुक्त कर्मचारियों ने हाई कोर्ट और कैट में अलग- अलग याचिकाएं लगाकर नियमित करने की मांग की थी. शिक्षा विभाग द्वारा भी वर्तमान में 990 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जा रही है. 9 साल बाद हो रही भर्ती के खिलाफ 500 के लगभग नियमित पदों के विरुद्ध रखे गए काट्रैक्ट शिक्षकों ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका लगाई है.

8 अगस्त को होनी है सुनवाई

याचिका की सुनवाई 8 अगस्त को होगी. पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने निर्णय देने के बाद ही 990 पदों पर की गई भर्ती सफल होगी और शिक्षकों को स्कूलों में नियुक्ति दी जाएगी. प्रशासन के कार्मिक विभाग की तरफ से नोटिफिकेशन में विभिन्न केसों का हवाला देते हुए डेलीवेजस पर सेवाएं देने वाले कर्मचारियों को ही नियमित करने का प्रविधान बताया है, मगर कांट्रैक्ट पर सेवाएं देने वाले कर्मचारियों को नियमित नहीं करने को लेकर कोई भी स्पष्टीकरण नहीं है.

कांट्रैक्ट कर्मचारियों को रेगुलर नहीं करने पर कई बार पहले भी सवाल उठे हैं, लेकिन प्रशासन ने कभी भी कोई उत्तर नहीं दिया. साल 2006 में उमा देवी जजमेंट के मुताबिक कांट्रैक्ट पर 10 वर्ष से ज्यादा सेवाएं देने वाले कर्मचारियों को नियमित करने का प्रविधान था. कांट्रैक्ट पर सेवाएं देने वाले ऐसे कर्मचारियों को नियमित करने का प्रविधान था, जिनकी जरूरत स्थाई है, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने उमा देवी जजमेंट को वर्ष 2016 में लागू किया और कांट्रैक्ट के अपेक्षा डेलीवेज पर सेवाएं देने वाले कर्मचारियों को ही नियमित करने का लाभ प्रदान किया गया.