अपनी सुविधा से गर्भ धारण करने के लिए अक्सर महिला गर्भ निरोधक गोलियों का प्रयोग करती है। मौटेतौर पर इसके कोई खास दुष्परिणाम देखने को नहीं मिले हैं। मगर एक शोध में विशेषज्ञों ने इसके इस्तेमाल को लेकर सतर्क किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन गोलियों के सेवन से महिलाओं में मस्तिष्का घात का खतरा हो सकता है। शोध में कहा गया है कि गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में इस्कीमिक स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह आघात तब होता है, जब मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाने वाली धमनी में रुकावट आ जाती है। शोध में दावा किया गया है आघात के 85 फीसदी मामलों में यही स्थिति होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भनिरोधक गोलियों से हैमरेज वाले आघात नहीं होते हैं, जिसमें मस्तिष्क में रक्त जम जाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि गर्भनिरोधक गोलियां, पैच या इंजेक्शन से धमनियों के अवरुद्ध होने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे खून का थक्का बनने की आशंका रहती है। इस आशंका से वे महिलाएं बची रहती हैं, जिनमें थक्का जमने की आशंका नहीं होती या जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर नहीं होता और वे धूम्रपान भी नहीं करती हैं।
पूर्व में हुए शोध बताते हैं कि ज्यादातर महिलाएं आघात की आशंका संबंधी जांच नहीं कराती हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि जिन लड़कियों में 10 वर्ष की उम्र से पहले मासिक धर्म शुरू हो जाता है, उन्हें आघात की आशंका अधिक रहती है।