जिला में लिंगानुपात 1 हजार लड़कों की तुलना में 896 से बढ़कर हुआ 903

0
268
Continuous improvement in sex ratio
Continuous improvement in sex ratio

प्रवीण वालिया, करनाल :
जिला में प्रशासन के प्रयास से लिंगानुपात में निरंतर सुधार हो रहा है। गत दिसम्बर माह तक लिंगानुपात 1 हजार लड़कों की तुलना में 896 से बढ़कर 903 हो गया है। इस पर उपायुक्त अनीश यादव ने स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभी लिंगानुपात निर्धारित लक्ष्य से दूर है। इसे हर संभव पूरा करने के लिए उक्त दोनों विभाग संयुक्त रूप से प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण शत-प्रतिशत नहीं है, उन गांवों में आशा वर्करों, एएनएम तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से संबंधित क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को पंजीकरण करवाने के लिए प्रेरित करें ताकि कन्या भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराई का समूल नष्ट किया जा सके। उपायुक्त बुधवार को लघु सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में पीसीएनडीटी एक्ट के तहत गठित जिला टास्ट फोर्स कमेटी की साप्ताहिक बैठक में लिंगानुपात को लेकर समीक्षा कर रहे थे।

सभी एएनएम, आशा वर्करों को दिए निर्देश

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कहा कि वे सभी एएनएम, आशा वर्करों को निर्देश दें कि वे अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें। इसके अलावा ऐसी गर्भवती महिलाओं पर कड़ी नजर रखें, जिनके पास पहले से लड़कियां हैं और उनका डाटा कलैक्ट करें। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे गांवों पर फोकस करें जहां लिंगानुपात कम से कम है। वहां पर जागरूकता कैंप भी लगाएं और उन्हें समझाएं कि आज के समय में लड़का और लड़की में कोई अंतर नहीं है। लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, वे बेटियों के प्रति अपनी सामाजिक सोच में बदलाव लाएं।
उपायुक्त ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि प्राईवेट अस्पतालों के साथ-साथ कस्बों व देहात में बी.ए.एम.एस. आर.एम.पी. डॉक्टरों पर भी कड़ी नजर रखें। इनकी मैपिंग कर सूची बनाएं और समय-समय पर औचक निरीक्षण किया जाए। विशेषतौर से ऐसे अस्पताल जहां पर गर्भपात के ज्यादा मामले सामने आ रहे हों। ऐसे अस्पतालों के रिकॉर्ड की सही जांच की जाए तथा गर्भपात होने की वजह का पता लगाने के लिए संबंधित महिला से भी पूछताछ की जाए। उन्होंने कहा कि गर्भ में भ्रूण की जांच करवाने वाले तथा करने वाले दोनों दोषी हैं और दोनों के खिलाफ पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्यवाही करने का प्रावधान है। ऐसे मामलों में संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा न जाए, उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएं।

सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाईजरों को करें अलर्ट

उपायुक्त ने महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी निर्देश दिए कि वे सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाईजरों को अलर्ट करें कि वे अपने-अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण करवाने के साथ-साथ उनसे निरंतर सम्पर्क बनाए रखें। अगर गर्भपात की कोई घटना सामने आती है तो इसकी सूचना उपायुक्त कार्यालय व सिविल सर्जन को अवश्य दें ताकि उनकी जांच हो सके। बैठक में डीपीओ ने बताया कि गत माह के दौरान असंध, जुंडला व शेखपुरा क्षेत्र का दौरा किया गया और संबंधित क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सुपरवाईजरों को विशेष हिदायत दी गई है कि वे जिन महिलाओं को पहले से ही लड़की है, उनका पंजीकरण शत-प्रतिशत किया जाए।
उपायुक्त ने बैठक में सीनियर ड्रग कंट्रोल ऑफिसर गुरचरण सिंह को निर्देश दिए कि वे जिला में स्थापित सभी कैमिस्ट की दुकानों पर एमटीपी की बिक्री पर कड़ी नजर रखें और बार-बार निरीक्षण करते रहें। अगर कहीं पर एमटीपी की बिक्री की सूचना मिलती है तो संबंधित के खिलाफ नियम के अनुसार कार्यवाही अमल में लाई जाए।

इस बैठक में ये सभी मौजूद

बैठक में नगराधीश अमन कुमार, सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सीनू व डॉ. सरोज, सीनियर ड्रग कंट्रोल ऑफिसर गुरचरण सिंह, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला मौजूद रहे।

ये भी पढ़ें : अवैध कॉलोनियों को लेकर उपायुक्त अनीश यादव ने दिखाई सख्ती

ये भी पढ़ें : कोहरे के दौरान सावधानी बरतने की अपील

ये भी पढ़ें : नए साल के उपलक्ष में ओपन शैल्टर होम पटीकरा में कार्यक्रम आयोजित

Connect With Us: Twitter Facebook