रोहतक, 12 अप्रैल:
पोस्ट गे्रेजुएट इंस्ट्यिूट ऑफ डेंटल सांईसिंज में मंगलवार को पीरियाडॉन्टिक्स एंड इंप्लांटोलॉजी विभाग द्वारा आईसीएमआर के सहयोग से एक दिवसीय कंटीन्यूइंग डेंटल एजुकेशन(सीडीई) का आयोजन किया गया। सीडीई का शुभारंभ मुख्यअतिथि के तौर पर उपस्थित कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना, विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ.एच.के. अग्रवाल व निदेशक डॉ.एस.एस. लोहचब ने दीप प्रज्जवलित करके किया। कार्यक्रम में आने पर सभी का स्वागत डॉ. आर.के. शर्मा ने किया।
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विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना
इस अवसर पर उपस्थित चिकित्सकों एवं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना ने कहा कि हमें रिसर्च के प्रति अपनी एक रूचि बनानी चाहिए तभी हम एक अच्छी रिसर्च कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम जब किसी मरीज का इलाज करते हैं तो हमें उस समय कुछ नया लगता है तो उस चीज की हमें रिसर्च करनी चाहिए।
डॉ. अनिता सक्सेना ने सिखाया ईमानदारी पाठ
डॉ. अनिता सक्सेना ने कहा कि क्लीनिकल, टीचिंग और रिसर्च को हमें बराबर लेकर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्लीनिकल रिसर्च में ज्यादा फंड भी नहीं लगता है। डॉ. अनिता सक्सेना ने कहा कि रिसर्च में नैतिकता का पालन करते हुए पूरी ईमानदारी के साथ अपनी रिसर्च करनी चाहिए। कुलसचिव डॉ.एच.के. अग्रवाल ने कहा कि आज की इस सीएमई के आयोजन के लिए डॉ. संजय तिवारी व उनकी टीम बधाई की पात्र है।
चिकित्सकों व छात्रों में रिसर्च के प्रति रूचि
निदेशक डॉ.एस.एस. लोहचब ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि आज के इस व्याख्यान से छात्रों को काफी कुछ सिखने को मिलेगा और संस्थान में रिसर्च को बढावा मिलेगा। प्राचार्य डॉ. संजय तिवारी ने कहा कि उन्हें काफी खुशी है कि संस्थान के चिकित्सकों व छात्रों में रिसर्च के प्रति काफी रूचि है तभी आज की इस सीडीई के लिए करीब 130 प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें उनकी फैकल्टी पर गर्व है क्योंकि उनकी वजह से टॉपर इस संस्थान में दाखिला लेते हैं।
हरियाणा सरकार रिसर्च को काफी बढावा दे रही है
उन्होंने बताया कि संस्थान की ओपीडी में प्रतिदिन करीब एक हजार मरीज आते हैं। डॉ. संजय तिवारी ने बताया कि उन्हें अपनी दो पीजी छात्राओं डॉ. रितिका अरोड़ा व डॉ. रूचि सिंगल पर गर्व है, जिन्हें रिसर्च के लिए आईसीएमआर से दो प्रोजैक्ट मिले हैं। डॉ. संजय तिवारी ने कहा कि हरियाणा सरकार रिसर्च को काफी बढावा दे रही है, इसलिए सरकार ने गत माह अच्छी रिसर्च करने वाले चिकित्सकों को 50 हजार और 25 हजार रूपए का ईनाम भी दिया था।
ओरल हैल्थ रिसर्च
निम्स नई दिल्ली से निदेशक कम सांईटिस्ट डॉ. एम. विष्णु वर्धना व आईसीएमआर से सांइटिस्ट डॉ. नितिका मोंगा ने अपने व्याख्यान में विस्तार से बताया कि ओरल हैल्थ रिसर्च में क्या क्या संभावनाए और क्या-क्या परेशानियां आती हैं व उन्हें कैसे दूर किया जाए। कार्यक्रम के अंत में डॉ. शिखा तिवारी ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया।
इस अवसर पर डेंटल कालेज की समस्त फैकल्टी उपस्थित थी
इस अवसर पर डॉ. धू्रव चौधरी, डॉ. गजेंद्र सिंह, डॉ. आर.के. शर्मा, डॉ. कुंदन मित्तल,डॉ. मंजूनाथ, डॉ. वरूण अरोड़ा, डॉ. हरनीत,डॉ. रितू नामदेव, डॉ. पंकज गहलोत सहित डेंटल कालेज की समस्त फैकल्टी उपस्थित थी।
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