प्रवीण वालिया, करनाल:
500 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद श्री राम जन्मभूमि अयोध्या का निर्णय सुप्रीम कोर्ट में वाल्मीकि रामायण के आधार पर सुनाया गया जो वाल्मीकि समाज के लिए गर्व की बात है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देश के संतों के साथ मिलकर निर्णय लिया कि 70 एकड़ में जहां राम मंदिर बनेगा उसी क्षेत्र में उपयुक्त स्थान पर महाकाव्य रामायण रचयिता महर्षि वाल्मीकि जी का भी मंदिर बनेगा। संघ परिवार ने यह निर्णय लेकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया है। इस निर्णय से हर्षित श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम उज्जैन पीठाधीश्वर परम पूज्य राष्ट्रीय संत बाल योगी उमेश नाथ जी महाराज ने विश्व हिंदू परिषद नेताओं का आभार जताया है। उमेश नाथ जी महाराज ने विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार एवं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव व विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय, केंद्रीय संरक्षक वीएचपी दिनेश कुमार,महामंत्री मिलिंद आदि समस्त पदाधिकारी एवं संतों का इस निर्णय पर धन्यवाद करते हुए कहा की यह देश के करोड़ों वाल्मीकि बंधुओं का भी सम्मान है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सद्भभावना एवं वसुधैव कुटुंबकम की भावना को व्यक्त किया है। उन्होंने समस्त वाल्मीकि समाज की ओर से इन सभी का शाल श्रीफल से सम्मान किया। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने भी महाराज जी का शाल श्रीफल से सम्मान कर अभिवादन किया। इस मौके पर स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी वॉइस चेयरमैन सुभाष चन्द्र , मनोज , विजय कुमार , विजय कुमार, विक्रम सिंह , महाकाल महंत नरोरा, राजीव सूद व मनोज कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे ।
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