नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष रजनीश बंसल एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंजली जैन के दिशा-निर्देशानुसार आज नीरपुर में संविधान दिवस मनाया गया। इस मौके पर पैनल अधिवक्ता गिरिबाला यादव ने भारत का संविधान की उद्देशिका को पढ़ा।
संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर के दिन मनाया जाता है
उन्होंने बताया कि संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर के दिन मनाया जाता है। यह एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। संविधान निर्माताओं के योगदान को स्वीकार करने और संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए 26 नवंबर को “संविधान दिवस” के रूप में मनाया जाता है। आज ही के दिन आजाद भारत में एक संविधान मिला था। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया। जो 26 नवंबर 1950 को लागू हुआ। इस दिन हर देशवासी इस बात को लेकर गौरव महसूस करता है कि संविधान हम सबकी सर की छत है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को संविधान का जनक माना जाता है।
सभी नागरिकों में भाईचारा बढ़ाने का प्रयत्न
संविधान दिवस पर हमें अपने अंदर ज्ञान का दीपक प्रज्वलित करने की आवश्यकता है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को हमारे देश के संविधान के महत्व को समझ सकें जिससे कि वह उसका सम्मान तथा पालन करें। किसी भी लोकतंत्र में समता और स्वतंत्रता सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है इनमें से एक के बिना दूसरे की कल्पना नहीं की जा सकती। स्वतंत्रता का अर्थ है चिंतन अभिव्यक्ति और कार्य करने की स्वतंत्रता लेकिन स्वतंत्रता का यह अर्थ नहीं है कि हम जैसा चाहे वैसा करने लगे। स्वतंत्रता को इस प्रकार परिभाषित किया जाता है कि बिना किसी अन्य की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाए और बिना कानून व्यवस्था को ठेस पहुंचाए प्रत्येक व्यक्ति अपनी-अपनी स्वतंत्रता का आनंद ले सके। नागरिक के रूप में हमें अपने संविधान का पालन करना चाहिए, देश की रक्षा करनी चाहिए। सभी नागरिकों में भाईचारा बढ़ाने का प्रयत्न करना चाहिए तथा पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए।
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