राज चौधरी, पठानकोट :
जम्मू कश्मीर के आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र राजौरी सेक्टर के सुंदरबनी क्षेत्र में तैनात बीएसएफ की 69 बटालियन के कांस्टेबल राकेश कुमार डोगरा का गत दिवस डयूटी के दौरान ह्रदयगति रुकने से निधन हो गया था। जिनका आज स्थानीय चक्की पुल स्थित श्मशानघाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
माधोपुर से आई बीएसएफ की 121 बटालियन के जवानों ने शस्त्र उल्टे कर व हवा में गोलियां दागते हुए बिगुल की मातमी धुन के साथ कांस्टेबल राकेश कुमार को सलामी दी। इससे पहले स्थानीय बैंक कालौनी अंगूरा वाली गली में जब दिवगंत सैनिक की तिरंगे में लिप्टी हुई पार्थिव देह उनके निवास स्थान पर पहुंची तो माहौल अत्यंत गमगीन हो गया। मृतक सैनिक की मां ऊषा देवी व पत्नी रीटा देवी की करुणामयी चीखें पत्थरों का कलेजा भी छलनी कर रही थीं। मृतक कांस्टेबल राकेश कुमार के 16 वर्षीय बेटे युगराज सिंह ने जब उनकी चिता को मुखागिन दी तो श्मशानघाट पर मौजूद हर आंख नम हो गई। इस मौके पर 121 बटालियन के डिप्टी कमांडेंट एन बक्सल, दिवगंत सैनिक की पार्थिह देह को लेकर आए उनकी युनिट के इंस्पेक्टर गंभीर सिंह, हेड कांस्टेबल बलदेव सिंह, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा, राजपूत कल्याण बोर्ड पंजाब के चेयरमैन ठाकुर दविंदर सिंह दर्शी, कर्नल उजागर सिंह, आप नेता रमेश टोला, मृतक सैनिक की माता ऊषा देवी, पत्नी रीटा देवी, बेटा युगराज सिंह, भाई बिक्रमजीत सिंह ने कांस्टेबल राकेश की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह पर रीथ चढ़ा उन्हें अश्रुपूर्ण अंतिम विदाई दी।