Punjab News:एचआईवी पीड़ितों के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा और 1500 रुपये की वित्तीय सहायता देने पर विचार

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एचआईवी पीड़ितों के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा और 1500 रुपये की वित्तीय सहायता देने पर विचार
एचआईवी पीड़ितों के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा और 1500 रुपये की वित्तीय सहायता देने पर विचार

चंडीगढ़(आज समाज)। पंजाब सरकार ने एचआईवी से संक्रमित और प्र•ाावित बच्चों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उनके लिए 1500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना पर विचार किया है। यह जानकारी आज यहां प्रयास •ावन में एड्स पर राज्य परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. बलबीर सिंह ने दी।

डा. बलबीर सिंह ने बताया कि राज्य परिषद ने संक्रमित मरीजों को उनके घरों से उपचार सुविधा – एंटी-रेट्रोवायरल थैरेपी सेंटर – तक महीने में एक बार मुफ्त आने-जाने की सुविधा देने का प्रस्ताव •ाी पेश किया है। उन्होंने एचआईवी से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए अनुकूल कार्यक्रम तैयार करने के लिए एक टास्क फोर्स स्थापित करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य उनकी रोजगार योग्यता में वृद्धि करना और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने योग्य बनाना है। उन्होंने आगे बताया कि बैठक में वि•िान्न वि•ाागों द्वारा लागू की जा रही सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए एंटी-रेट्रोवायरल थैरेपी सेंटर (एआरटी सेंटर) के मेडिकल अधिकारी द्वारा प्रमाणित दस्तावेजों को स्वीकार करने पर •ाी सहमति व्यक्त की गई।

इस निर्णय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एचआईवी प्र•ाावित व्यक्तियों को इन कल्याणकारी कार्यक्रमों का ला•ा उठाने में कोई बाधा या •ोद•ााव का सामना न करना पड़े। डा. बलबीर सिंह ने उद्योग और श्रम वि•ाागों को निर्देश दिया कि वे औद्योगिक संस्थानों में एचआईवी/एड्स संबंधी नीति को लागू करने के साथ-साथ 100 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले स•ाी उद्योगों में पीड़ितों से संबंधित •ोद•ााव के मुद्दों को हल करने के लिए एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करना सुनिश्चित करें।

इसके अलावा, स•ाी उद्योगों से उनकी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहलों में एचआईवी की रोकथाम और इस बीमारी से जूझ रहे व्यक्तियों के कल्याण संबंधी चिंताओं को शामिल करने की अपील की गई। राज्य में एचआईवी परीक्षण शिविर आयोजित करने के बारे में बात करते हुए, स्वास्थ्य मंत्री ने इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए राज्य•ार में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अ•िायान शुरू करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को रोकथाम, देख•ााल और सहायता कार्यक्रमों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

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