नई दिल्ली।राजस्थान में मुख्य्मंत्री अशोक गहलोत का जादू एक बार फिर चल गया।राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने तीन में से दो सीटें भाजपा के तोड़फोड़ के मंसूबो को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले केसी वेणुगोपाल ओर नीरज डांगी ने शानदार जीत हांसिल की।बीजेपी के राजेन्द्र गहलोत भी चुनाव जीते हैं।कांग्रेस ओर उसको समर्थन देने वाले सभी विधायक एक जुट रहे। गहलोत की सभी विधायकों को अंतिम समय तक एक जुट रखने की रणनीति कामयाब रही।इसी के चलते राज्यसभा चुनाव में ठीक वही परिणाम आये जो पहले से तय माने जा रहे थे।इस जीत से मुख्य्मंत्री गहलोत का कांग्रेस के अंदर कद बढ़ा है।वही आलाकमान भी अब उनको फैसलों की खुली छूट देगा।राज्यसभा के इन चुनाव परिणामों से बीजेपी राज्य इकाई में जरूर घमासान बढेगा।पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया तोड़फोड़ के पक्ष में नही थी।लेकिन नए उभरते हुए नेताओं ने कांग्रेस में चल रही खींचतान का लाभ उठाने की कोशिश की।बीजेपी आलाकमान को गलत जानकारी दी।नतीजा यह रहा कि बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी।
मुख्य्मंत्री गहलोत की चाणक्य नीति के सामने बीजेपी धराशायी हो गई।गहलोत ने पूरे चुनाव की कमान अपने हाथ मे रखी।अपने सभी विधायकों और समर्थन देने वाले विधायकों को समय पर एक जुट कर बीजेपी को तोड़फोड़ने करने से रोक दिया।इसका असर आने वाले दिनों में राज्य कांग्रेस की राजनीति पर दिखना तय है।निश्चित रूप से गहलोत का कद बढ़ेगा।उनका विरोध करने वाले नेता भी अब पहले की तरह सरकार के कामकाज पर सवाल नही उठा पाएंगे।
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अजीत मैंदोला