प्रदेश कांग्रेस प्रधान का कॉन्फिडेंस या ओवरकॉन्फिडेंस ?

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Congress President's Confidence Or Overconfidence
Congress President's Confidence Or Overconfidence

दिनेश मौदगिल, Ludhiana News: पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में करारी हार का सामना करने वाली पंजाब कांग्रेस ने इस हार के बाद प्रधान के पद में बदलाव किया और नवजोत सिंह सिद्धू की जगह अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को पंजाब का प्रधान लगाया गया।

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विधायक संदीप जाखड़ को दी चुनौती

मगर इस बदलाव के बाद भी कांग्रेस आगे बढ़ती दिखाई नहीं दे रही है और पंजाब कांग्रेस से पार्टी छोड़कर कई नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने पार्टी को बाय-बाय करने के बाद भाजपा का दामन थामा, तो वहीं शनिवार को कुछ पूर्व मंत्री और विधायक कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि जिसने पार्टी छोड़कर जाना है उसे कोई रोक नहीं सकता। इसी तरह राजा वड़िंग ने सोमवार को सुनील जाखड़ के भतीजे विधायक संदीप जाखड़ को भी चुनौती दे डाली कि संदीप जाखड़ विधायक पद से इस्तीफा देकर मेरे सामने चुनाव लड़े। प्रदेश प्रधान वड़िंग सोमवार को होशियारपुर में आयोजित एक बैठक के दौरान यहां तक कह डाला कि कांग्रेस मुझे 5 साल से पहले ना हटाए और लोग कहते हैं कि मुझे 3 साल के लिए प्रधान बनाया गया है और मैं 3 साल में ही ऐसे काम कर दूंगा कि अगर मुझे पार्टी प्रधान पद से हटाएगी तो कांग्रेसी पार्टी से ही सवाल पूछेंगे।

कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में मायूसी की लहर

इसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हुई कि प्रदेश प्रधान का यह बयान कॉन्फिडेंस है या ओवरकॉन्फिडेंस है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रदेश प्रधान के ऐसे तेवर का परिणाम 26 जून को संगरूर लोक सभा उपचुनाव के साथ सामने आ जाएगा। इसके साथ साथ आने वाले समय में पता चल जाएगा कि प्रदेश प्रधान क्या वाकई पार्टी को मजबूत करने की हिम्मत रखते हैं या फिर चुनावों से पहले जैसे नेताओं ने बयानबाजी की, उस तरह प्रदेश प्रधान का यह ओवरकॉन्फिडेंस भरा बयान होगा।वही दूसरी ओर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में भी मायूसी की लहर चल रही है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछले कई वर्षों से जो भी पार्टी का राज्य प्रधान बना है , उसने सिर्फ विधायकों या पूर्व विधायकों तक मिलना ही उचित समझा है। प्रदेश प्रधान बनकर मेहनती कार्यकर्ताओं को प्रधानों का ना मिलना भी कार्यकर्ताओं में मायूसी पैदा करता है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के अनुसार प्रदेश प्रधान सिर्फ विधायकों या पूर्व विधायकों तक ही ना सीमित रहें , बल्कि मेहनती और पुराने कार्यकर्ताओं को भी आगे लेकर आए। नहीं तो भविष्य में कार्यकर्ता पार्टी से बिखरता चला जाएगा।

पंजाब में कांग्रेस एक बार फिर से मजबूत

इसी तरह पार्टी के दिग्गज नेताओं के पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने से काफी कार्यकर्ता परेशान भी हैं , वही कांग्रेस पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि जो हो रहा है अच्छा हो रहा है , क्योंकि ऐसे नेताओं के जाने के बाद पार्टी के नए चेहरों को आगे आने का मौका मिलेगा । जिससे नए चेहरे अपनी काबिलियत सिद्ध कर सकेंगे और नए चेहरों के आगे आने से पार्टी की ताकत बढ़ेगी। जिससे पंजाब में कांग्रेस एक बार फिर से मजबूत हो जाएगी।

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