नई दिल्ली। कांग्रसे की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को एक बार फिर पेट्रोल डीजल के दामों को बढ़ाने केलिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों मेंलगातार हो रही बढ़ोतरी से जुड़े फैसले को असंवेदनशील बताया। सोनिया गांधी नेपेट्रोल डीजल के दामों के वृद्धि को वापस लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस महामारी के समय परेशानी को बढ़ाने वाली इस वृद्धि को वापस लिया जाए। कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर पेट्रोल डीजल के दामों की वृद्धि को वापस लेने की बात कही। अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि इस समय लोगों पर वित्तीय बोझ डालना उचित नहीं है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाकर 2,60,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाने का प्रयास कर रही है, पीएम एक ओर देश के लोगों को आत्मनिर्भर होने की बात कह रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इस तरह का वित्तीय बोझ लोगों पर डालना उचित नहीं है। सोनिया ने कहा, ‘मौजूदा कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के दौरान भारत को स्वास्थ्य संबंधी, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मुझे इस बात की पीड़ा है कि ऐसे मुश्किल समय में सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने का असंवेदनशील निर्णय लिया।’ उनके मुताबिक ऐसे समय सरकार के इस फैसले का कोई औचित्य समझ नहीं आता जब देश के करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गई हैं, उनके सामने जीविका का संकट खड़ा है, छोटे, मध्यम एवं बड़े कारोबार बंद हो रहे हैं और किसानों को भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अपने पत्र मेंजिक्र किया कि कुछ दिनों के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में कमी आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगभग नौ फीसदी कमी आई है। उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे आग्रह करती हूं कि बढ़ोतरी को वापस लिया जाए और कच्चे तेल की कम कीमत का लाभ सीधे देश के नागरिकों को दिया जाए।’ सोनिया ने कहा, ‘अगर आप लोगों के आत्मनिर्भर होने की उम्मीद करते हैं तो आगे बढ़ने के उनके रास्ते में वित्तीय अवरोध मत खड़ा करिए। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों के हाथों में सीधे पैसे दिए जाने चाहिए।