Congress Politics: प्रियंका नहीं चाहेंगी रेहान की चुनावी एंट्री में देरी हो, जल्द 25 के हो जाएंगे राहुल के भांजे

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Congress Politics: प्रियंका नहीं चाहेंगी रेहान की चुनावी एंट्री में देरी हो, जल्द 25 के हो जाएंगे राहुल के भांजे
Congress Politics: प्रियंका नहीं चाहेंगी रेहान की चुनावी एंट्री में देरी हो, जल्द 25 के हो जाएंगे राहुल के भांजे
  • चर्चाओं में छाई राहुल के साथ भांजे रेहान की वीडियो

Rahul Gandhi Posted Photo Of Rehan On X, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली: दीपावली वाले दिन चर्चा तो कई खबरों की रही, लेकिन असल ध्यान खींचा कांग्रेस के सर्वोच्च नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के अपने एक्स पर डाली फोटो ने। उस फोटो में उनके भांजे और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के बेटे रेहान राजीव वाड्रा (Rehan Rajiv Vadra) भी नजर आए। रेहान वाड्रा समय-समय पर गांधी परिवार के साथ नजर आते रहे हैं, लेकिन राहुल के एक्स ने नई चर्चा को जन्म दे दिया।

रेहान अपने मामा की तरह नेताओं वाली ड्रेस कुर्ते पायजामा में नजर आ रहे थे। राहुल उन्हें अपने साथ उन मजदूरों के यहां ले गए जो पुताई इत्यादि का काम करते हैं। इससे जानकारों और विपक्ष को भी बोलने का मौका मिल गया। मतलब रेहान भी एक तरह से राजनीति की तरफ कदम बढ़ाने की ओर अग्रसर दिखाई दिए। इसलिए कुछ ने और विपक्ष ने उनकी राजनीति में एंट्री मान ली ।ये तो तय है कि देर सवेर रेहान राजनीति में आयेंगे ही आयेंगे।जल्द ही रेहान 25 साल के होने वाले भी हैं। मतलब संवैधानिक रूप से चुनाव लड़ने के योग्य हो जाएंगे।

गांधी परिवार जब चाहे उन्हें कहीं से कभी भी चुनाव लड़ा सकता है। हो सकता है कि 2029 में जब लोकसभा के चुनाव होंगे रेहान अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हुए देखे जाएं। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या रेहान को आगे करना कांग्रेस के हित में होगा। रेहान की मां प्रियंका गांधी की महत्वकांक्षा अपनी मां सोनिया गांधी की तरह ही बताई जाती है। प्रियंका निश्चित तौर पर चाहेंगी कि उनके बेटे की जल्द से जल्द चुनावी राजनीति में आएं, क्योंकि उन्हें खुद चुनावी राजनीति में आने में बड़ा समय लगा।

यूं कहा जा सकता है गांधी परिवार में प्रियंका की सबसे देरी में चुनावी राजनीति में एंट्री हुई। हालांकि अपने बेटे की आज की उम्र के बराबर 24 साल से भी कम उम्र में प्रियंका ने पर्दे के पीछे से राजनीति में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी थी।अपने पिता राजीव गांधी और बाद में मां सोनिया गांधी, भाई राहुल गांधी की वह लगातार मदद करती रही।कहा जाता है कि चुनावी राजनीति में प्रवेश पाने के लिए प्रियंका को परिवार को समझाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा।ऐसे में प्रियंका शायद नहीं चाहेंगी कि उनके बेटे को भी इंतज़ारी करनी पड़े।इसलिए समय समय पर वह अपने बेटे रेहान को चुनावी रैलियों,रोड शो ले जाती रही हैं।

लोकसभा चुनाव के परिणाम वाले दिन रेहान परिवार के साथ पार्टी मुख्यालय में भी दिखाई दिए।मीडिया से बात भी करते हैं। प्रियंका ने बेटे रेहान की ट्रेनिंग पर पूरा ध्यान दिया है।भारत जोड़ो यात्रा तथा कई राजनीतिक कार्यक्रमों में रेहान जाते भी हैं। प्रियंका तीन दशक बाद अब वायनाड से चुनाव लड़ रही हैं।उनके चुनाव लड़ने के बाद से ही पार्टी के अंदर बाहर सवाल उठने भी लगे हैं।क्योंकि अभी पार्टी ऐसे दौर से गुजर रही है जहां उसके सामने अस्तित्व बचाने का संकट फिर खड़ा हो गया है।

लोकसभा में 99 सीट जीत कांग्रेस को लगा था कि वापसी हो गई है। लेकिन हरियाणा की हार ने पोल पट्टी खोल दी।कांग्रेस घूम फिर कर वहीं आ गई जहां वह 4 जून 2024 से पहले खड़ी दिख रही थी।क्योंकि हरियाणा की हार ने कांग्रेस के लिए हर चुनाव अस्तित्व से जोड़ दिया है।इसी माह महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव होना है।कांग्रेस एक भी चुनाव नहीं जीती तो फिर स्थिति और बिगड़ेगी। तीन महीने बाद फरवरी में बिहार,दिल्ली जैसे महत्वपूर्ण राज्यों के चुनाव होंगे।कांग्रेस उनमें कहीं लड़ाई में अभी दिख नहीं रही है।

इस बीच कांग्रेस शासित वाले कर्नाटक,तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश की स्थिति बिगड़ती जा रही है। तीनों राज्य आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।बीजेपी लगातार हमलावर बनी हुई।ऐसे में इन राज्यों में कब क्या संकट आ जाए कहा नहीं जा सकता है। इन हालात में प्रियंका जरूर वायनाड का चुनाव जीतेगी। कांग्रेस का संकट यही है कि राहुल की अगुवाई में पार्टी अगर लगातार चुनाव हारती है तो प्रियंका को आगे लाने की बात पार्टी में होनी लाजमी है।अभी गुपचुप होती है कोई कांग्रेसी किसी दिन खुल कर बोल देगा।

प्रियंका अपने भाई राहुल से अलग हट कुछ नया नहीं कर पाएंगी,ऐसा लगता नहीं है। क्योंकि उनको पार्टी आजमा चुकी है।लेकिन कांग्रेसी कब क्या मांग कर दें कहा नहीं जा सकता।कुछ नहीं तो रेहान वाड्रा को लाने की मांग कांग्रेसी कर सकते हैं।रेहान के नाम को लेकर भी कई किस्से हैं। उनके नाम के साथ कभी गांधी तो कभी राजीव जोड़े जाने की बात होती रही है।गांधी परिवार ने राजीव नाम जोड़ दिया बताया जाता।आज के दिन में न तो गांधी नाम चल रहा है और ना ही राहुल, राजीव चलेगा यह समय बताएगा।

वाड्रा लगने से विपक्ष धर्म पर भी सवाल उठा सकता है।बीजेपी ने अभी से तंज मारना शुरू कर भी दिया है।राहुल के एक्स के बाद बीजेपी प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने अपने एक्स में कहा कि चलो कांग्रेसियों ह्यरेहान वाड्रा ज़िंदाबादह्ण के नारे लगाना शुरु कर दो।इनकी लांचिंग शुरू हो गई है।कितने ज़हर के घुट पी कर नारे लगाएँगे।ख़ैर लगाने तो पड़ेंगे,पार्टी में रहना होगा, तो ह्यरेहान- रेहानह्ण कहना होगा।साफ है कि बीजेपी की कांग्रेस पर परिवारवाद की राजनीति को बढ़ाने का आरोप अपने आप सही साबित हो रहा है।विपक्ष मुद्दा बनाएगा ही।

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