Aaj Samaj (आज समाज), Congress News, नई दिल्ली: कांग्रेस में जारी अंतर्कलह और पार्टी से लगातार दूर होते जा रहे इसके नेताओं के रवैये से साफ है, विपक्षी पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले बुधवार को बॉक्सर विजेंदर कुमार कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। वहीं कांग्रेस ने पार्टी की मुंबई इकाई के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम को पार्टी विरोधी बयानों और अनुशासनहीनता की शिकायतों के बाद छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार देर शाम आरोपों के आधार पर संजय निरुपम के निष्कासन को मंजूरी दी। बुधवार को ही उन्हें स्टार प्रचारकों की लिस्ट से भी हटाया गया था।

मैं न सनातन विरोधी नारे लगा सकता, न गाली दे सकता : गौरव

गौरव वल्लभ ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें मैं खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा। उन्होंने कहा, मैं न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और न ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता, इसलिए मैं कांग्रेस के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। खड़ग को लिखे पत्र में गौरव वल्लभ ने लिखा, मन व्यथित है। काफी कुछ बताना चाहता हूं। लिखना चाहता हूं, लेकिन मेरे संस्कार ऐसा कुछ भी कहने से मना करते हैं, जिससे दूसरों को कष्ट पहुंचे। फिर भी मैं आज अपनी बातों को आपके समक्ष रख रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि सच को छिपाना भी अपराध है और मैं अपराध का भागी नहीं बनना चाहता।

मैंने कई मुद्दों पर दमदार तरीके से पार्टी का पक्ष रखा

उन्होंने लिखा, महोदय, कांग्रेस की सदस्यता हासिल करने के बाद पार्टी ने मुझे राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया। मैंने कई मुद्दों पर पार्टी का पक्ष दमदार तरीके से देश की महान जनता के समक्ष रखा। जब मैंने कांग्रेस ज्वाइन की तब मेरा मानना था कि यह देश की सबसे पुरानी पार्टी है, जहां पर युवा, बौद्धिक लोगों की, उनके आइडिया की कद्र होती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मुझे यह महसूस हुआ कि पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए आइडिया वाले युवाओं के साथ खुद को एडजस्ट नहीं कर पाता।

टूट चुका है कांग्रेस का ग्राउंड लेवल कनेक्ट

गौरव वल्लभ ने कहा, कांग्रेस का ग्राउंड लेवल कनेक्ट पूरी तरह से टूट चुका है, जो नए भारत की आकांक्षा को बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही है। इसके कारण न तो पार्टी सत्ता में आ पा रही और न ही मजबूत विपक्ष की भूमिका ही निभा पा रही हैं। इससे मेरे जैसा कार्यकर्ता हतोत्साहित होता है। बड़े नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच की दूरी पाटना बेहद कठिन है, जो कि राजनीतिक रूप से जरूरी है। जब तक एक कार्यकर्ता अपने नेता को डायरेक्ट सुझाव नहीं दे सकता, तब तक किसी भी प्रकार का सकारात्मक परिवर्तन संभव नहीं है।

कांग्रेस पर संजय निरुपम का पलटवार

पूर्व सांसद संजय निरुपम ने पार्टी से निकाले जाने के बाद एक्स पर कहा, ऐसा लगता है कि बुधवार रात मेरा इस्तीफा पत्र मिलने के तुरंत बाद खड़गे ने मेरा निष्कासन जारी करने का फैसला किया। ऐसी तत्परता देखकर अच्छा लगा। इससे पहले खड़गे को लिखे पत्र में निरुपम ने कहा था कि मैंने आखिरकार आपकी बहुप्रतीक्षित इच्छा को पूरा करने का फैसला किया है। मैं ऐलान करता हूं कि मैं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। बताया जा रहा है संजय निरुपम मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे।

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