नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को अब तक तिहाड़ जेल से राहत नहीं मिल पाई है। वह आईएनएक्स मी़डिया मामले में 98 दिनों ने हिरासत में हैं। उन्होंने कोर्ट द्वारा ईडी के तर्कों को खारिज किए जाने के बावजूद उनकी जमानत अर्जी खारिज होने पर नाराजगी जाहिर की। पूर्व वित्तमंत्री ने तीन जजों की पीठ से कहा कि हाई कोर्ट ने सबूतों से छेड़छाड़ और मेरे भाग निकलने के डर से मेरी जमानत याचिक खारिज कर दी है। वहीं उनके वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट ने चिदंबरम पर गंभीर आरोप के चलते याचिका खारिज की है तो अगर अदालत की गंभीर आरोप वाली दलील स्वीकार हो जाती है तो हमें कभी जमानत नहीं मिलेगी। चिदंबरम के लिए बहस करते हुए सिब्बल ने कहा कि-ऐसा लगता है जैसे मैं कुछ रंगा बिल्ला हूं। अगर मुझे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो यह इस देश को एक गलत संदेश देगा। बता दें कि रंगा और बिल्ला बॉम्बे को दो खतरनाक अपराधी थे जो आर्थर रोड जेल से रिहा होने के तुरंत बाद दिल्ली आ गए थे। उन्होंने अगस्त 1978 में दो किशोरों का अपहरण कर उन्हें बर्बरता से मार डाला था। गौरतलब है कि भले ही चिदंबरम जेल में है लेकिन उनकी महाराष्ट्र की राजनीति पर पूरी नजर है। उन्होंने ट्वीट कर शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन को नसीहत दी है। चिदंबरम ने ट्वीट में लिखा है कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार को हार्दिक बधाई। कृपया पार्टी के निजी हितों को दूर रखकर किसान कल्याण, निवेश, रोजगार, सामाजिक न्याय और महिला एंव बाल कल्याण के सामान्य हितों को लागू करने के लिए मिलकर काम करें।