कहा-पिछले 17 साल से बिना संगठन चल रही कांग्रेस
Rohtak News (आज समाज) रोहतक: विधानसभा चुनाव में हार के कारणों पर मंथन कर रही हरियाणा कांग्रेस की हार का एक प्रमुख कारण संगठन का न होना है। पिछले करीब 17 साल से कांग्रेस प्रदेश में संगठन निर्माण नहीं कर सकी। जिला और ब्लॉक स्तर संगठन नहीं बनने का खामियाजा चुनाव में कांग्रेस को भुगतना पड़ा। यह कहना है कांग्रेस नेता सुभाष बत्रा का। सुभाष बत्रा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी तो कांग्रेस ही कार का कारण रहा ही है। लेकिन बिना संगठन के कोई भी पार्टी चुनाव नहीं जीत सकती है। जो एक कारण कांग्रेस ही हार का रहा है। बत्रा ने कहा कि फूलचंद मुलाना, अशोक तंवर, कुमारी शैलेजा, उदयभान के कार्यकाल में संगठन नहीं बन पाया। जिसका जिम्मेदार पार्टी और बड़े नेता है।
गुटबाजी भी हार की बड़ी वजह
सुभाष बत्रा यहीं नहीं रूके उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं की आपसी गुटबाजी पर भी खुलकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान बड़े नेता एक साथ नहीं आए, हार की एक बड़ी वजह गुटबाजी भी रही है। चुनाव के समय जातीय समीकरण भी हार का कारण रहे। बीजेपी जातीय समीकरण बैठाने में कामयाब रही। वे एक सूत्रीय नीति पर चले और जाट और नॉन जाट की राजनीति करने में सफल रहे। कांग्रेस को भी नॉन जाट के हाथ में कमान देनी होगी।
नीतियों में करना होगा बदलाव
बत्रा ने कहा कि अब कांग्रेस को नई सोच की जरूरत है। लगातार तीन चुनाव कांग्रेस हार चुकी है। अब कांग्रेस को अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा। अगर कांग्रेस ऐसे ही चलती रही तो अगले 20 साल भी सत्ता में नहीं आ सकती। नेता प्रतिपक्ष नेता का चयन अभी तक नहीं होने पर बोले कि नेता प्रतिपक्ष उसी को बनाना चाहिए, जिसके साथ विधायकों का समर्थ हो। अभी भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ही नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहिए। यह जरूरी नहीं जो नेता प्रतिपक्ष होगा, वहीं सीएम होगा।
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