नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम को तिहाड़ जेल भेज दिया गया। उनसे मिलने के लिए नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को जेल पहुंचा। लेकिन वह सभी चिदंबरम से नहीं मिल सके। जब यह प्रतिनिधिमंडल तिहाड़ पहुंचा तब तक मिलने का निर्धारित समय समाप्त हो चुका था। इस प्रतिनिधिमंडल में मुकुल वासनिक, पीसी चाको, मनिक्कम टैगोर, अविनाश पांडे और अन्य नेता शामिल थे। वहीं राज्यसभा सदस्य केटीएस तुलसी और मनोज झा ने पी चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई कर रही जांच एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने देश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं। सीबीआई अदालत द्वारा आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के सवाल पर तुलसी ने जांच एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठाए और कहा कि वह केवल विपक्षी नेताओं को निशाना बना रहे हैं। तुलसी ने कहा, ‘मैं केस के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि मैं इसके तथ्यों से परिचित नहीं हूं। लेकिन मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि देश में एक तीव्र बहस चल रही है कि कैसे जांच एजेंसियां केवल विपक्षी पार्टियों को निशाना बना रही हैं। राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने कहा जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली कानून के साथ ही देश के लिए भी अच्छा संकेत नहीं है।