केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को गुवाहाटी में थे। वह नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने पहुंचे थे। यहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों से अलग-थलग कर दिया था। कांग्रेस ने पूर्वोत्तर में बांटो और राज करो की नीति का अनुसरण किया। मुझे खुशी है कि पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्य एनईडीए के साथ हैं। शाह ने कहा, ‘आजादी के बाद से 2014 तक कांग्रेस ने नॉर्थ ईस्ट में भाषा, जाति, संस्कृति, क्षेत्र विशेष के आधार पर झगड़े पैदा किए। इससे पूरा नॉर्थ ईस्ट अशांति का गढ़ बन गया। यहां विकास की जगह भ्रष्टाचार को अहम जगह देने का काम कांग्रेस ने किया। नॉर्थ ईस्ट में आतंकवाद की समस्या को सुलझाने के बजाए कांग्रेस ने इसे और फैलाया और अपना राज बना रहे ऐसी नीति पर चलते रहे। कांग्रेस पार्टी ने फूट डालो और राज करो वाली नीति ही अपनाई थी।’ उन्होंने कहा कि नार्थ ईस्ट के आठों राज्यों ने एनईडीए को स्वीकारा है। 25 लोकसभाओं में से 19 लोकसभा सीटें एनईडीए ने जीतकर मोदी जी की झोली में डाली हैं। हमने छोटे-छोटे दलों की भावनाओं को समझकर उन्हें एनईडीए से जोड़ा है। त्रिपुरा में तीन चौथाई बहुमत मिलने के बाद भी हमारे सहयोगी वहां की सरकार में मंत्री बने हैं। ये बताता है कि एनईडीए किस दिशा में आगे बढ़ रहा है। नॉर्थ ईस्ट भारत के लिए फेफड़ों के समान है क्योंकि यहां देश का 26 प्रतिशत भाग वन क्षेत्र है जो देश को आॅक्सीजन देने का काम करता है।
एनआरसी का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि नार्थ ईस्ट के राज्यों ने एनआरसी पर चिंता व्यक्त की है कि काफी लोग छूट गए हैं और गहनता से काम होना चाहिए। मैं सभी को आस्वस्त करना चाहता हूं कि एक भी घुसपैठिया असम के अंदर रह भी नहीं पाएगा और दूसरे राज्य में घुस भी नहीं पाएगा। हम सिर्फ असम को घुसपैठियों से मुक्त करना नहीं चाहते बल्कि पूरे देश को घुसपैठियों से मुक्त करना चाहते हैं। पहले नॉर्थ ईस्ट की पहचान आतंकवाद, घुसपैठ, ड्रग्स, भ्रष्टाचार, जनजाति तनाव हैं। पिछले पांच साल में हम विकास, कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, खेल और शांति की दिशा में आगे बढ़े हैं। हालांकि उन्होंने अनुच्छेद-371 के लिए कहा कि यह अनुच्छेद कोई नहीं छूने वाला है। अनुच्छेद 371 विशेष प्रावधान है, नार्थ ईस्ट का अधिकार है।
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