टिकट कटने से नाराज होकर निर्दलीय चुनावी रण में उतरे नागर
Faridabad News (आज समाज) फरीदाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट न मिलने के कारण बागी होकर चुनाव लड़ रहे नेताओं पर कांग्रेस हाईकमान ने कड़ी कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में फरीदाबाद के तिगांव विधानसभा क्षेत्र निर्दलीय चुनावी रण में उतरे ललित नागर को कांग्रेस हाईकमान ने 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। कार्रवाई से संबंधित लैटर भी कांग्रेस हाईकमान नें जारी कर दिया है।
ललित नागर तिगांव विधानसभा से विधायक रहे चुके है। पिछली बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। इसबार भी ललित नागर तिगांव से ही टिकट के प्र्रबल दावेदार थे। लेकिन पार्टी ने यशपाल नागर के बेटे रोहित नागर को टिकट दिया। जिसके बाद ललित नगर बागी हो गए। वह तिगांव से निर्दिलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
चित्रा सरवारा व राजेश जून पर हो चुकी कार्रवाई
इससे पहले कांग्रेस हाईकमान ने अंबाला कैंट से निर्दलीय चुनाव लड़ रही चित्रा सरवारा व बहादुरगढ़ से बागी होकर चुनाव लड़ रहे राजेश जून को भी 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। चित्रा सरवारा अंबाला से कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व में मंत्री रहे निर्मल सिंह की बेटी है। निर्मल सिंह अबकी बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे है। निर्मल सिंह अपनी बेटी चित्रा सरवारा के लिए भी अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने केवल निर्मल सिंह को ही टिकट दी। टिकट के कारण चित्रा ने कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया।
बहादुरगढ़ से टिकट के दावेदार थे राजेश जून
बहादुरगढ़ विधानसभा से 3 बार के विधायक राजेंद्र जून राजेश जून के चाचा हैं। राजेश जून अबकी बार झज्जर की बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे पर कांग्रेस हाईकमान ने राजेश जून के चाचा राजेंद्र जून पर विश्वास जताते हुए उन्हें ही टिकट दी। टिकट कटने पर ही राजेश जून ने समर्थकों की मीटिंग बुलाई थी। उसमें उन्होंने ऐलान करते हुए कहा था कि मेरे साथ कांग्रेस नेतृत्व ने धोखा किया है। अब मैं कांग्रेस उम्मीदवार से डबल वोट लेकर विधायक बनूंगा। राजेश जून ने कहा था कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने टिकट देने का वादा किया था, लेकिन वादा नहीं निभाया।
2014 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने थे ललित नागर
गौरतललब है कि ललित नागर ने 2014 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने। कांग्रेस ने 2019 में उनको फरीदाबाद से लोकसभा का टिकट दिया गया, लेकिन बाद में उनका टिकट काटकर अवतार भड़ाना को दे दिया गया था। अवतार भड़ाना कृष्णपाल गुर्जर के सामने हार गए थे। ललित नागर की गिनती प्रियंका गांधी के करीबियों में होती है। दिल्ली एनसीआर में बहुत सी प्रॉपर्टी में प्रियंका गांधी के साथ उनकी हिस्सेदारी भी है।
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