कहा, कांग्रेसी नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा की चुनाव आयोग से मांग उनकी पार्टी की हताशा दिखा रही
Punjab News Update (आज समाज), चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा है कि कांग्रेस नेता सुखजिंदर रंधावा द्वारा चुनाव आयोग से की गई शिकायत से शिरोमणि अकाली दल को मैदान में वापस आने से रोकने की हताश कोशिश है। उन्होंने कहा इससे पहले बागी गुट ने अकाली दल को नुकसान पहुंचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और यहां तक कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। अब इसने कांग्रेस से मिलीभगत कर ली है।
शिअद के बागी नेताओं पर भी साधा निशाना
डॉ. दलजीत सिंह ने कहा कि जहां बागी गुट की पोल पूरी तरह से खुल चुकी है, वहीं यह भी साफ हो गया है कि चुनाव मैदान में सभी पार्टियां अकाली दल का सामना करने से डर गई हैं। यह कहते हुए कि अकाली दल लगातार इस बात पर जोर दे रहा है कि बागी गुट पार्टी की मेंबरशिप अभियान को धर्म से जोड़ने और इसकी मान्यता रदद करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि इससे बागी गुट और सुखजिंदर रंधावा के बीच मिलीभगत को उजागर कर दिया है।
उन्होंने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस की शीर्ष लीडरशीप से कहा कि वे सुखजिंदर रंधावा जैसे पक्षपातपूर्ण नेताओं को चुनाव आयोग के सामने व्हिसल ब्लोअर के रूप में छुपकर हमला करने के बजाय अकाली दल के साथ लड़ने के लिए खुलकर सामने आएं। डा. चीमा ने रंधावा को अपनी शिकायत गुप्त रखने का अनुरोध करने की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने उसी समय मीडिया को उसी विषय पर साक्षात्कार भी दे दिया था।
13 अप्रैल को एक विशाल राजनीतिक सम्मेलन होगा
डॉ. चीमा ने कहा कि जहां तक तेजा सिंह समुंद्री हाल में चुनाव कराने की शिकायत का सवाल है तो मामले की सच्चाई यह है कि यह हाल श्री दरबार साहिब के प्रशासनिक ब्लाक का हिस्सा है और हाल में अकाली दल अध्यक्ष का चुनाव कराने की परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने पहले ही हाल में मीटिंग करने की अनुमति भी ले ली थी। डा. चीमा ने स्पष्ट किया कि अकाली दल के संगठनात्मक चुनावों को विफल करने के लिए इस तरह के हताशापूर्ण तुच्छ राजनीति से प्रेरित प्रयास कदापि सफल नही होंगें। उन्होंने कहा प्रतिनिधि सत्र 12 अप्रैल को पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव करेगा, जिसके बाद 13 अप्रैल को एक विशाल राजनीतिक सम्मेलन होगा।
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