Congress Campaign: जय भीम जय संविधान अभियान, कांग्रेस बड़ा आंदोलन खड़ा करने से चूकी

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Congress Campaign: जय भीम जय संविधान अभियान, कांग्रेस बड़ा आंदोलन खड़ा करने से चूकी
Congress Campaign: जय भीम जय संविधान अभियान, कांग्रेस बड़ा आंदोलन खड़ा करने से चूकी

Congress Jai Bhim Campaign, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली: कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ भीम राव अंबेडकर मुद्दे पर बड़ा आंदोलन करने से चूक गई। कांग्रेस के जय भीम जय संविधान अभियान ने शुरू होने से पहले ही दम तोड़ दिया। इसके चलते बीजेपी ने बड़ी राहत की सांस ली है। संसद केशीतकालीन सत्र में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की भीमराव अंबेडकर पर बोले गए कुछ शब्दों को कांग्रेस ने बड़ा मुद्दा बना एक बार के लिए बीजेपी को परेशानी में डाल दिया था। कांग्रेस के रुख से लगा कि वह बड़ा अभियान छेड़ने जा रही है। कांग्रेस की सर्वोच्च कार्यसमिति की पिछले माह हुई बैठक में भी बड़े आंदोलन की घोषणा की गई थी।

संसद के सत्र में भी की थी गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग 

शीतकालीन सत्र में भी कांग्रेस और पूरे विपक्ष ने हंगामा कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की थी। कार्यसमिति में भी गृहमंत्री के इस्तीफे का प्रस्ताव पारित कर 27 दिसंबर से अभियान की शुरुआत होनी थी,लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के चलते उसे कुछ दिन के लिए टाल दिया गया। लेकिन बाद में पार्टी ने उसे गंभीरता से ही नहीं लिया। इस अभियान के तहत हर प्रदेश, जिले, ब्लॉक में रैलियां, जनसभाएं भी होनी थी। इसके बाद 26 जनवरी को मऊ में संविधान बचाओ रैली की भी घोषणा की हुई है। साथ ही अभियान पूरे साल चलाने को कहा है।लेकिन जिस जोश में घोषणाएं हुई उस हिसाब से कांग्रेस ऐसा कोई माहौल नहीं बना पाई जिससे लगता कि कोई बड़ा आंदोलन हो रहा है।

कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी की जवाबी रणनीति कारगर

कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी की जवाबी रणनीति कारगर रही। बीजेपी ने कांग्रेस पर ज्यादा आक्रमक तरीके से हमला बोल जताया कि वह चुप नहीं बैठेगी।बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत पूरा संगठन कांग्रेस पर हमलावर हो गया था।एक बार के लिए लगा अंबेडकर मामले में कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी हमलावर है। दरअसल बीजेपी इस बात से चिंतित थी कि लोकसभा चुनाव की तरह संविधान और भीमराव अंबेडकर फिर से बड़ा मुद्दा न बन जाए इसलिए पहले ही आक्रमक होने की रणनीति अपनाई।इस अभियान का दिल्ली चुनाव में तो नहीं लेकिन बिहार जैसे राज्यों पर असर पड़ सकता था।

बीजेपी ने की थी कांग्रेस को घेरने की लंबी तैयारी 

बीजेपी ने इसी के चलते अंबेडकर मामले को लेकर कांग्रेस को घेरने की लंबी तैयारी की हुई थी। मतलब कांग्रेस अपने अभियान को अगर ठीक से शुरू कर पाती तो बीजेपी कांग्रेस के अंबेडकर के खिलाफ किए गए फैसलों को बारी बारी कर उजागर करती।कांग्रेस पर अंबेडकर की उपेक्षा के आरोप लगते भी रहे हैं।अंबेडकर को चुनाव में हराना ऐसे कई मामले हैं जो कांग्रेस के खिलाफ हथियार बनते।लेकिन कांग्रेस की मुहिम ने शुरू होने से पहले ही दम तोड़ दिया। कमजोर संगठन और केंद्रीय नेतृत्व की उदासीनता के चलते यह स्थिति बनी है। कांग्रेस में ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है कि संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल प्रदेशों को आदेश जारी करते हैं, लेकिन उन पर औपचारिकता भर ही अमल हो पाता है।

बेलगाम में बैठक कर पारित किए थे कई प्रस्ताव 

अम्बेडकर आंदोलन को लेकर कांग्रेस ने बेलगाम में हुई कार्यसमिति की बैठक कर कई प्रस्ताव पारित किए थे। प्रस्ताव के साथ ऐसी कई बातें हुई थीं जिससे लगा कांग्रेस हरियाणा और महाराष्ट्र की हार को लेकर गंभीर है।लेकिन अभी ऐसा कुछ लगा नहीं कि पार्टी गंभीर हुई हो।दिल्ली चुनाव के दौरान ही कई कार्यक्रम रख दिए।एक प्रकार से दिल्ली चुनाव को लेकर भी कोई गंभीरता ही नहीं दिखी।कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में संगठन दुरस्त करने से लेकर अंबेडकर और संविधान बचाने को लेकर तमाम बातें हुई। लेकिन कांग्रेस जिस तरह से उदासीन बनी हुई उसे देख कर लगता नहीं है कि की घोषणाओं पर अमल भी हो पाएगा।

बिहार में अक्टूबर में होने हैं विधानसभा चुनाव 

कांग्रेस ने शुक्रवार को घोषणा की कि 18 जनवरी को पटना बिहार में संविधान सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।जिसे राहुल गांधी संबोधित करेंगे। मतलब कांग्रेस एक कोशिश कर रही है चुनाव वाले बिहार में संविधान और अंबेडकर के मामले को मुद्दा बनाया जाए,लेकिन कमजोर संगठन के चलते मामला आगे बढ़ता दिख नहीं रहा है ।कांग्रेस बिहार में अभियान को कहां तक खींच पाती है इसका पता आने वाले दिनों में चलेगा। बिहार में अक्टूबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं।

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