नई दिल्ली। गुरुवार को झारखंड के धनबाद में पीएम मोदी ने रैली में राज्यसभा से पास हुए नागरिकता संशोधन विधेयक के बाद नार्थ ईस्ट में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर कहा कि कांग्रेस और उनके साथी नार्थ ईस्ट में आग लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पहले से यहां आ चुके शरणार्थियों के लिए है जबकि कांग्रेस यह भ्रम फैला रही है कि बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग आ जाएंगे। उन्होंने नार्थ ईस्ट के लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी उनकी संस्कृति और भाषा का संरक्षण भाजपा और मोदी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मैं नॉर्थ-ईस्ट और पूर्वी भारत के हर राज्य, हर जनजातीय समाज को आश्वस्त करना चाहता हूं। असम सहित नॉर्थ ईस्ट के अलग-अलग क्षेत्रों की परंपराओं, वहां की संस्कृति, वहां की भाषा को मान-सम्मान देना, उसे संरक्षण देना, उसे और समृद्ध करना, भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बाबू राम नारायण सिंह जी, जयपाल मुंडा जी और बिनोद बिहारी महतो जी, जैसे सेनानियों के संघर्ष को कांग्रेस ने सम्मान नहीं दिया। उनकी आवाज को दबाने के लिए भी छलकपट का सहारा लिया।
आज जब ऐसे लाखों गरीब, प्रताड़ित, वंचित, शोषित, दलित परिवारों, सिख परिवारों को, ईसाई परिवारों को, भाजपा ने अपने वादे के अनुसार नागरिकता देने का कानून बनाया तो कांग्रेस और उसके साथी, उसका भी विरोध कर रहे हैं। दस साल पहले जब अफगानिस्तान में तालिबान के हमले बढ़े, तो दर्जनों ईसाई परिवार भी किसी तरह अपनी जानकर बचाकर भारत ही आए थे। भारत इसलिए आए थे क्योंकि उनके भी पुरखे इसी धरती से जुड़े हुए थे। लेकिन इन लोगों का भारत में आने के बाद कांग्रेस की सरकार ने साथ नहीं दिया। जिस गरीबी, गंदगी और उपेक्षा की स्थिति में वो पाकिस्तान में थे, कांग्रेस की सरकारों ने यहां भी उनके साथ वही बर्ताव किया। लाखों साथी, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए। दशकों से वो भारत में रह रहे हैं। उनको राजनीति के लिए उपयोग तो किया गया, लेकिन उनको नागरिकता को लेकर सिर्फ वादे मिले। पीएम ने कहा कि कांग्रेस और उसके साथियों की डिक्शनरी में कभी जनहित नहीं रहा, उन्होंने हमेशा स्वहित के लिए, परिवार हित के लिए काम किया। इनकी राजनीति रही है- लूटो और लटकाओ। यही कारण है कि काले सोने पर बैठा ये धनबाद और ये पूरा इलाका संपदा से जितना समृद्ध है, उतनी ही अधिक गरीबी यहां बनी रही।