कहा, इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर संविधान की आत्मा को कुचला
Himachal News (आज समाज), शिमला। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी सोशल मीडिया अणिमा सोनकर ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने हमेशा ही संविधान की उल्लंघना की और लोकतंत्र को कुचला। उन्होंने कहा कि जब देश में कांग्रेस की लहर थी और इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं तो उन्होंने 1975 में आपातकाल लगाकर संविधान की आत्मा को कुचला था।
इंदिरा गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालकर ओबीसी आरक्षण में देरी की। उन्होंने कहा कि 1966 से 1977 तक, संविधान में 25 बार संशोधन हुआ। 42वें संशोधन में 41 अनुच्छेदों में संशोधन और 11 नए अनुच्छेद जोड़े गए। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में संविधान में केवल आठ बार संशोधन हुआ था। यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया था।
राजीव गांधी भी थे एससी आरक्षण के खिलाफ
भाजपा नेत्री ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 3 मार्च 1985 को एससी आरक्षण पर टिप्पणी करते हुए यह कहा था कि आरक्षण के माध्यम से हमें बुदुओं को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। राजीव गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध किया और 1990 में लोकसभा में आरक्षण का पुरजोर विरोध किया और मुसलमानों को आरक्षण देने की वकालत की, जो बाबासाहेब के मूल संविधान के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा समस्त समाज के लिए कार्य किया है।
पीएम मोदी सरकार ने 2017 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा दिया। 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण की शुरूआत, 2019 में वित्त आयोग और संविधान की छठी अनुसूची से संबंधित प्रावधानों में संशोधन, 2019 में लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) आरक्षण का 10 वर्षों के लिए विस्तार किया गया। 2021 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी ओबीसी सूची में परिवर्तन करने का अधिकार प्रदान किया गया।
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