जारी की लिस्ट, पहले भी सैकड़ों भवन मालिकों को भेजे जा चुके हैं नोटिस

Delhi News Update (आज समाज), नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली जहां अपने गौरवमयी इतिहास के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है वहीं यहां पर बहुत सारे ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर भवन निर्माण बहुत ही संकरी गलियों में बिना किसी भवन योजना के किए हुए हैं। ऐसे निर्माण हमेशा हादसों को न्योता देते हैं। इन हादसों में बहुत बड़ी जनहानि होती है। जैसा की बीते दिन मुस्तफाबाद एरिया में चार मंजिला भवन गिरने के बाद सामने आया।

हालांकि जब भी दिल्ली में इस तरह का हादसा होता है तो एमसीडी तुरंत एक्शन में आ जाता है। ऐसे भवनों की लिस्ट तैयार करके उनके मालिकों को नोटिस भेजे जाते हैं। यह आज से नहीं बल्कि दशकों से होता आया है। पूर्वी दिल्ली के ललिता पार्क में डेढ़ दशक पहले हुए बिल्डिंग हादसे में 70 लोगों की मौत के बाद एमसीडी इलाके में 638 इमारतों को अवैध निर्माण के आरोप में नोटिस जारी किए हैं। उसने यह कदम इलाके में की गई एक सर्वेक्षण के बाद उठाया था।

विभिन्न क्षेत्रों में खतरनाक निर्माण का होगा निरीक्षण

रविवार को एमसीडी ने तुरंत एक्शन मोड में आते हुए बड़ी कार्रवाई की है। हादसे के लिए जिम्मेदार माने जा रहे अवैध निर्माण और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए एमसीडी ने सख्त कदम उठाए हैं। इस कार्रवाई की सबसे अहम बात यह है कि अब ऐसे हादसों को रोकने के लिए उसने क्षेत्र का निरीक्षण करना शुरू किया है और खतरनाक भवनों की पहचान कर उन्हें गिराने या सील करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

एमसीडी ने इस हादसे के बाद एक कनिष्ठ अभियंता (जेई) फैजान रजा को सेवा से बर्खास्त कर दिया है, वह मार्च 2019 से अगस्त 2021 तक संबंधित क्षेत्र में तैनात थे। उनके खिलाफ पहले भी कई अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा चुकी थी। इसके अलावा तीन अन्य अधिकारियों को या तो सेवा से बर्खास्त किया गया है या उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। वहीं, वर्तमान जेई रवि कुमार सिंह का तबादला कर दिया गया है। यह कार्रवाई निष्पक्ष जांच करने के मद्देनजर की गई है। वह 28 नवंबर 2024 से इस क्षेत्र में कार्यरत थे। उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

अब तक 15 इमारतों की पहचान की जा चुकी

दूसरी ओर एमसीडी ने इलाके की गहन जांच शुरू कर दी है। अब तक 15 ऐसी अवैध इमारतों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें सील किया जाएगा। इनमें वे इमारतें भी शामिल हैं जो पांच या उससे अधिक मंजिलों वाली हैं और जिनकी संरचनात्मक मजबूती संदिग्ध पाई गई है। वहीं, इलाके में डी-ब्लॉक स्थित संपत्ति संख्या 17, डी-1 स्ट्रीट पर पहले ही 25 मार्च 2025 को विध्वंस आदेश जारी किया जा चुका था और अब उसे जल्द ही गिराने की कार्रवाई की जाएगी।

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