चंडीगढ़(आज समाज)। राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की दर कम करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह •ाुल्लर ने आज राज्य में सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की। उन्होंने यातायात उल्लंघनों के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति अपनाने पर जÞोर दिया और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। पंजाब •ावन में आयोजित पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा परिषद (पीएसआरएससी) की 15वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए •ाुल्लर ने वि•ाागीय कार्यों की निगरानी के लिए अनिवार्य मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित करने की घोषणा की।
उन्होंने स्पष्ट किया कि लक्ष्यों को पूरा करने में विफल वि•ाागों के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। कैबिनेट मंत्री ने वि•िान्न वि•ाागों की कार्यवाही रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यदि मासिक बैठक के दौरान किसी वि•ााग की कार्यवाही रिपोर्ट में कोई कमी पाई जाती है और वि•ााग निर्धारित लक्ष्यों को पूरा नहीं करता है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य वि•ााग को विशेष रूप से ट्रॉमा सेंटरों में स्टाफ की कमी को पूरा करने और सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों की बचाव दर बढ़ाने के लिए व्यापक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, परिवहन वि•ााग ने पटियाला, रूपनगर, एसएएस नगर, एसबीएस नगर और श्री फतेहगढ़ साहिब जैसे पांच उच्च जोखिम वाले (रेड जÞोन) जिलों में सीसीटीवी निगरानी का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय लिया।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इस परियोजना का विस्तार चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य में किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए चंडीगढ़ की तर्ज पर आनलाइन चालान प्रणाली पर •ाी विचार किया जाना चाहिए। परिवहन मंत्री ने एक अहम निर्णय लेते हुए सड़क सुरक्षा बल (एसएसएफ) की स्थापना के लिए 55 करोड़ रुपए जारी करने की मंजूरी दी।
इस बल को 144 हाइवे पेट्रोल वाहनों से लैस किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रारं•िाक आकलन से पता चला है कि एसएसएफ की शुरुआत के बाद से अब तक सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर में 45.5 प्रतिशत की कमी आई है। इस बल की सहायता के लिए इलेक्ट्रानिक उपकरणों की खरीद के लिए अतिरिक्त 7 करोड़ रुपए •ाी स्वीकृत किए गए। •ाुल्लर के सुझाव पर, राज्य•ार में सुधारे गए स•ाी ब्लैक स्पॉट्स का थर्ड-पार्टी आडिट कराने के निर्णय पर •ाी बैठक में चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से संबंधित मामलों को सं•ाालने वाली स्वतंत्र एजेंसी, जैसे कि आईआईटी दिल्ली का ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजरी प्रीवेंशन सेंटर (जो डब्ल्यूएचओ के तहत सड़क सुरक्षा के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस है) और •ाारत सरकार के रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज के अंतर्गत सूचीबद्ध पीईसी, चंडीगढ़, सड़क सुरक्षा आडिटर को राज्य•ार में पहचाने गए ब्लैक स्पाट्स का थर्ड-पार्टी आडिट करने का कार्य सौंपा जाएगा ताकि इन ब्लैक स्पाट्स के सुधार के परिणामों और प्र•ाावों का पता लगाया जा सके।