मनोज वर्मा, कैथल:
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने कहा कि खेदड़ के प्लांट में आंदोलन के दौरान मौत का शिकार हुए किसान के परिवार को बीस लाख रुपये मुआवजा व एक सरकारी नौकरी दी जाए। माजरा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार किसान विरोधी है। किसानों की मांगों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। किसान अपनी मांगों को लेकर खेदड़ में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान एक किसान की मौत हो गई और कई लोगों को चोटें आई हैं। खेदड़ में बिजली प्लांट की राख के कारण लोगों का जीना मुहाल है।
तीन माह से प्रदर्शन कर रहे किसान
तीन माह से किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही। प्रदर्शन में प्रशासन की लापरवाही के कारण किसान की मौत हुई है। उस किसान के परिवार को सहारा देने के लिए परिवार को बीस लाख रुपये मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाए। माजरा ने कहा कि किसानों को फसलों का दाम पूरा नहीं मिल रहा। समय पर खाद नहीं मिलता। समय पर बीज नहीं मिलता। मंडियों में फसल की सही बिक्री नहीं होती। किसान परेशान है। सरकार किसानों की आय दोगूनी करने का सपना दिखा रही है। जो आय थी, वह घटकर आधी भी नहीं रही। किसानों को लागत का मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। जिस कारण कृषि लगातार घाटे का सौदा साबित हो रही है। भाजपा नेता सत्ता के नशे में हैं। समय रहते सरकार किसानों की सुध ले, अन्यथा जनता चुनाव में सबक सीखाएगी।
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