नई शिक्षा नीति निजीकरण, संप्रदायिकरण व केन्द्रीय करण को बढ़ावा देने वाली : जेपी शास्त्री

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Communalization and centralization: JP Shastri
Communalization and centralization: JP Shastri

मनोज वर्मा,कैथल:
सार्वजनिक शिक्षा सबकी पहुंच में होती है और निजी शिक्षा पर केवल पैसे वालों का अधिकार होता है । इसी उद्देश्य से ही आजादी के बाद हर गांव ढाणी बड़ी बस्तियों में सरकारी क्षेत्र में स्कूल कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थान खोले गए थे और इन्हीं संस्थाओं में शिक्षा ग्रहण करके डॉक्टर, वकील, प्रोफेसर, इंजीनियर और राजनेता बने व देश के विकास में अपना भरपूर योगदान दिया व दे रहे हैं।

संप्रदायिकरण व केन्द्रीय करण को बढ़ावा देने वाली : जेपी शास्त्री

लेकिन आज शिक्षा को मुनाफे का कारोबार मानकर बड़े-बड़े धन्ना सेठ इस क्षेत्र में आ रहे हैं और अपना एकाधिकार बनाने के लिए प्रयासरत हैं । यह बात आज यहां जन शिक्षा मंच के पड़ाव को संबोधित करते हुए पूर्व कर्मचारी नेता जयप्रकाश शास्त्री व किसान सभा नेता महेंद्र सिंह ने की। आज के पड़ाव की अध्यक्षता अजमेर सिंह पूर्व सरपंच धनोरी व हजूर सिंह सौंगरी ने संयुक्त रूप से की । दोनों नेताओं ने बताया कि नई शिक्षा नीति निजीकरण, संप्रदायिकरण व केंद्रीय करण को बढ़ावा देने वाली है । इसके तहत केवल बड़े-बड़े संस्थान ही बचेंगे और उन्हें अपने संसाधन भी स्वयं जुटाने होंगे जो केवल छात्रों अभिभावकों से भिन्न भिन्न मदों से बड़ी-बड़ी राशियां इक्ककरेंगे ।
इस प्रणाली में आम जनता व वंचित वर्ग शिक्षा की दौड़ से बाहर होंगे यह निश्चित है। अशोक शर्मा व बलवंत जाटान रिटायर्ड कर्मचारी नेताओं ने इस अवसर पर कहा कि जन शिक्षा बचाने के मुद्दे को लेकर संघर्ष तेज करते हुए 12 नवंबर को 1:00 बजे जवाहर पार्क से एक प्रदर्शन पुराने शहर में निकाला जाएगा।

यह सिलसिला हर सप्ताह जारी रहेगा आज की सभा में बड़ी संख्या में गांव जखोली के गणमान्य लोग मास्टर राम शरण राविश, जयपाल प्योदा,सुखपाल मलिक, शमशेर तितरम, रमेश देवबन,अभे राम कसान, मेवा शास्त्री, बलवंत रेतवाल,बलजीत नैन शामिल रहे । गत रात देर तक बहुत से अध्यापक सतबीर गोयत,जितेंद्र,ईश्वर ढांढा, सुरेश द्रविड़,बलवीर पहलवान भी पड़ाव पर उपस्थित रहे।

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