आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रमंडल दिवस मनाया

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आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रमंडल दिवस मनाया
आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रमंडल दिवस मनाया
आज समाज डिजिटल, पानीपत:
पानीपत। आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रमंडल दिवस मनाया गया। आर्य समाज काबड़ी की ओर से प्राचार्य मनीष घणगस को उनकी उल्लेखनीय सेवाओं और भारतीय संस्कृति व  प्रकृति को बचाने में दिए गए सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य मनीष घनघस ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही पंचायती राज प्रणाली लागू है। समाज के अधिकतर मामलों का निपटारा प्राचीन काल से लेकर आज तक आपसी सहमति से समझौते के आधार पर किया जाता रहा हैं।

राष्ट्रमंडल दिवस के अवसर पर जलवायु संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए

विश्व राष्ट्रमंडल भी दुनिया के राष्ट्रों के बीच उत्पन्न हुए विवादों को पंचायतों की प्रणाली के आधार पर भी निपटान करता है। उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व को वसुदेव कुटुंबकम का सिद्धांत दिया है इसी सिद्धांत के आधार पर राष्ट्रमंडल संगठन का निर्माण हुआ है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है समाज के बिना मनुष्य का कोई विशेष महत्व नहीं होता, लेकिन बढ़ते भौतिक सुखों की लालसा के कारण आज मनुष्य प्रकृति का अंधाधुंध दोहन कर रहा है जिसके कारण जलवायु परिवर्तन तेजी से होने लगा है। जिसके दुखद परिणाम भी विश्व मानव को झेलने पड़ रहे हैं, इसलिए हमें आज राष्ट्रमंडल दिवस के अवसर पर जलवायु संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए।

 

 

आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रमंडल दिवस मनाया
आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रमंडल दिवस मनाया

गिरते स्तर के कारण अनेक प्रदेशों में जल संकट आ खड़ा हुआ है

प्रधानाचार्य मनीष ने कहा कि भारत में पिछले 10 सालों के दौरान 30 फ़ीसदी नदियां सूख चुकी हैं। वहीं पिछले 70 सालों में 30 लाख में से 20 लाख तालाब गायब हो गए हैं और झील और पोखर भी गायब होते जा रहे हैं। यही नहीं भूजल के तेजी से गिरते स्तर के कारण अनेक प्रदेशों में जल संकट आ खड़ा हुआ है। हरियाणा के यमुना किनारे के गांव भी ड्राई एरिया घोषित किए जा चुके हैं, जिनमें पानीपत जिला के समालखा, बापौली और सनौली विकासखंड मुख्य रूप से शामिल है। उन्होंने कहा कि जल का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। भले ही जल के बड़े-बड़े समुद्र लबालब पानी से भरे हो। मीठे पानी की मात्रा तो 2 प्रतिशत ही है। इसलिए प्रत्येक नागरिक को जल बचाने और वर्षा जल को भूमि में उतारने का संकल्प भी आज लेना चाहिए, ताकि एक सुखी और शांतिमय विश्व की कल्पना को साकार किया जा सके।