Haryana News : हरियाणा में खरीफ-रबी फसलों की प्राइसिंग पॉलिसी की समीक्षा के लिए कमेटी गठित

0
108
Haryana News : हरियाणा में खरीफ-रबी फसलों की प्राइसिंग पॉलिसी की समीक्षा के लिए कमेटी गठित
Haryana News : हरियाणा में खरीफ-रबी फसलों की प्राइसिंग पॉलिसी की समीक्षा के लिए कमेटी गठित

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में खरीफ और रबी फसलों की प्राइसिंग पॉलिसी की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी गठित की है। यह कमेटी वर्तमान मूल्य नीति की समीक्षा करेंगी। राज्य में प्रमुख खरीफ और रबी फसलों की खेती की लागत की जांच करेंगी। इस समिति के माध्यम से सरकार का लक्ष्य ऐसी नीतियां तैयार करना है, जो किसानों, उपभोक्ताओं और राज्य की आर्थिक प्राथमिकताओं के हितों को संतुलित करती हों। हाईलेवल कमेटी की साल में दो बार बैठक होगी।

कृषि पर आने वाले खर्च का आकलन भी करेगी कमेटी

प्रवक्ता ने बताया कि कमेटी इनपुट लागत, श्रम, सिंचाई और अन्य संबंधित खर्चों जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों की खेती की वर्तमान लागत का आकलन करेगी। इसके अलावा, यह फसलों के लिए मौजूदा मूल्य नीति का मूल्यांकन करेगी और उत्पादन की लागत के अनुरूप किसानों के लिए उचित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए सुधार सुझाएगी।

सरकार को सिफारिशें भेजेंगी कमेटी

उन्होंने कहा कि अपने निष्कर्षों के आधार पर, समिति राज्य सरकार को मूल्य नीति की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए की जा सकने वाली रणनीतिक कार्रवाइयों पर सिफारिशें प्रदान करेगी। इसके अलावा, समिति यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी कि मूल्य नीति किसानों को लाभ पहुंचाए तथा उनकी आर्थिक आवश्यकताओं और चुनौतियों का समाधान करे, तथा हरियाणा के कृषि क्षेत्र के विकास में योगदान दे।

इन लोगों को किया गया कमेटी में शामिल

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि समिति में कृषि विभाग के निदेशक, अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक और उप निदेशक, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के अर्थशास्त्र और कृषि विज्ञान अनुभाग के प्रमुख और खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक सदस्य होंगे। हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सदस्य सचिव होंगे।

विशेषज्ञों, हितधारकों और किसान प्रतिनिधियों को एक साथ लाकर सरकार का लक्ष्य एक ऐसा मंच तैयार करना है जो कृषि समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों का सक्रिय रूप से समाधान करे, उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करे और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा दे।

ये भी पढ़ें : हरियाणा में सफर करना हुआ महंगा, टोल के बढ़े रेट लागू