बिल्डिंग बायलॉज के लिए एचएसवीपी की बनी कमेटी, सर्वे पूरा, अब शहर की बारी

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पंचकूला (अमित शर्मा )। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने पंचकूल के रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल एरिया को विकसित करने के साथ कुछ बिल्डिंग बॉयलॉज बनाए थे। इसी बिल्डिंग बॉयलॉज के अनुसार ही पूरे हरियाणा के अर्बन एरिया की नींव रखी और विकास हो रहा है। अब ये बॉयलॉज पंचकूला में ही टूट रहे हैं, यानी जिस शहर के लिए इन्हें बनाया, उसी शहर में ये टूट रहे हैं। क्योंकि शहर के अलग अलग मार्केट्स में बने होटलों, शोरूमों की बेसमेंट, टॉप रूफ पर नियमों को तोड़ा जा रहा है। शोरूमों, होटलों की बेसमेंट, छत्त पर हुक्का बार, क्लब, रेस्टोरेंट्स को चलाया जा रहा है। जबकि एचएसवीपी की पॉलिसी के अनुसार इन सभी प्रॉपर्टी को सील करने तक का प्रावधानन है। इसी बात को देखते हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के इस्टेट आफिस की ओर से जब एक जनरल नोटिस जारी किया गया है। जिसके चलते एक कमेटी को भी बनाया गया है। जो शहर के अलग अलग सेक्टरों का सर्वे कर नोटिस, एक्शन प्लान एडमिनिस्ट्रेटर को सब्मीट करेगी। जिसके चलते शहर की डेढ दर्जन के करीब प्रॉपर्टीज पर ताला लग सकता है।

ये बनाई गई कमेटी
असल में हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के सामने भी ये मामला उठा था, जिसके बाद गुप्ता ने इस बारे में एक्शन करने के लिए कहा। इसे देखते हुए पंचकूला के इस्टेट आफिसर की अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर एक कमेटी बनाई है। ये कमेटी अलग सेक्टरों की मार्केट्स का सर्वे करेगी। इसमें बिल्डिंग बॉयलॉज को तोड़ने वालों की वीडियोग्राफी, फोटो कराई जाएगी। उसके बाद एक ही फाइनल नोटिस इन प्रॉपर्टी मालिकों को दिया जाना है। इसमें एक महीने का समय देकर पूछा जाना है, कि ये गलत काम क्यों किया गया है। वहीं इन काम को 30 दिनों में बंद कर दिया जाए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो 30 दिनों के बाद उस बिल्डिंग को सील करने का प्रोसेस शुरू कर दिया जाएगा।

अलग सेक्टरों को दिए नोटिस
बिल्डिंग बॉयलॉज को लेकर पहले ही इस्टेट आफिस की ओर से अलग अलग सेक्टरों में नोटिस दिए गए हैं। बिल्डिंग मालिकों को एचएसवीपी की एक्ट 17/2,17/3,17/4,18/2 के नोटिस दिए जाते रहे हैं। इसमें आखिरी नोटिस 18/2 को देकर तो बिल्डिंग सील करने तक का प्रोसेस शुरू किया गया है, लेकिन इस मामले में कहानी यहां अटक जाती है, कि आखिरी नोटिस के बाद प्रॉपर्टी मालिक बताता है कि उसका खुद किराए दार के साथ झगडा चल रहा है। मामला कोर्ट में है, यानी वायलेशन उसने नहीं की है, बल्कि किराएदार ने की है। ऐसे में वो भी मजबूर है, जिसके बाद कुछ दिनों का समय ले लिया जाता है। ये सारा मैटर कई महीनों तक चलता है, इतने में पंचकूला के इस्टेट आॅफिसर की ट्रांस्फर हो जाती हैं। वहीं इस ट्रांस्फर के बाद बिल्डिंग मालिक इस्टेट आफिस में बाबुओं के साथ सेटिंग कर नोटिस को ही फाइल से गायब करवा देते हैं। जिसके चलते पंचकूला में गेम हो रही है।

वॉयलेशन आ रही है सामने
सेक्टर 5 में इस्टेट आफिसर की कमेटी ने कुछ दिन पहले ही सर्वे किया है। जिसमें सेक्टर 5 में बने मॉल, कई होटलों और छह शोरूमों में वॉयलेशन सामने आई है। जिसके चलते इन्हें नोटिस जारी कर एक महीने का समय दिया गया है। इस समय के दौरान सेक्टर 5 में खुले होटलों से टॉप रूफ यानी छत्त पर हो रही कमर्शियल एक्टिविटी को बंद कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। ऐसे में ये भी सामने आया है, कि यहां नोटिस जारी होने के बाद कुछ होटल मालिकों की ओर से राजनैतिक सिफारीशें भी करवाई जा रही हैं। जिसमें उनके होटलों को छोडने के लिए कहा जा रहा है। जिसके चलते सेक्टर 5 में ही एक स्वीस लांज नाम के कैफे में तो छत्त पर सीटिंग का काम कर एक बॉर, क्लब तक तो खोल दिया गया है। यहां नियमों से खिलवाड होने के साथ साथ कोई भी बडा हादसा हो सकता है। क्यों कि एक ही छत्त पर भारी संख्या में लोगों भीड जमा होती है।

ये आ रहें है रडार में
इस बार होने वाली कार्रवाई में शहर के सेक्टर 10 में खुले होटल भी हैं।  जिसकी छत्त पर एक क्लब को चलाया जा रहा है। जो नियमों के खिलाफ है। जबकि सेक्टर 8,9,10,11 में भी नियमों के खिलाफ जाकर क्लबों को खोला गया है। इस बार एचएसवीपी की ओर से अर्बन लोकल बॉडी के अधिकारियों को भी पंचकूला फायर स्टेशन के अधिकारियों पर एक्शन लेने के लिए कहा जाएगा। क्यों कि बिल्डिंग बॉयलॉज के खिलाफ जाकर इनकी ओर से इन क्लब, हुक्का बार, रेस्टोरेंट्स को एनओसी जारी की गई है। जो एनओसी दी ही नहीं जा सकती है।

भेज दी गई है रिपोर्ट
सेक्टर 5 का सर्वे पूरा होने के बाद रिपोर्ट को जोनल एडमिनिस्ट्रेटर और चीफ एडमिनिस्ट्रेटर के पास भेज दिया गया है। जिसके बाद सेक्टर 8 की मार्केट से लेकर सेक्टर 10 की मेंन मार्केट, उसके बाद सेक्टर 11 की मेंन मार्केट का सर्वे किया जाएगा। जिसके चलते सेक्टर 11 में तो मेंन शोरूम की बैक साइड में एक हुक्का बार, बॉर, क्लब को चलाया जा रहा है। जबकि उसकी फायर डिपार्टमेंट से एनओसी भी जारी नहीं की जा सकती है। लेकिन यहां से काम गलत तरीके से हो रहा है। ऐसे में इन सभी का सर्वे कर आखिरी नोटिस देकर एक महीने का समय दिया जाना है। इस संबंध में ममता शर्मा, इस्टेट आफिसर एचएसवीपी पंचकूला का कहना है कि कमेटी की ओर से सेक्टर 5 में सर्वे किया गया है। उसके बाद बाकी सेक्टरों की मार्केट में कुछ ही दिनों में सर्वे किया जाएगा। जिसके बाद एक आखिरी ही नोटिस जारी किया जाएगा। जिसके बाद इन बिल्डिंग को सील करने की परमिशन लेकर इन्हें सील करने का काम किया जाएगा।