Comic Poetry Conference
नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
Comic Poetry Conference : होली के पावन पर्व दुल्हेंडी के दिन रामलीला परिषद के रंगमंच पर हमास्टर जयनारायण सांस्कृतिक मंच के सौजन्य से 52वें महामूर्ख सम्मेलन के तत्वावधान में विशाल हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। यह आयोजन शुक्रवार दोपहर 3 बजे से देर शाम तक किया गया। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा की गरिमामयी उपस्थित रही।
सबसे पहले मूर्खाधीश का सिंगार
महामूर्ख के सिंहासन पर सुधीर दिवान मौजूद रहे। कार्यक्रम से पहले मूर्खाधीश का सिंगार कर उनकों बग्गी पर बिठाकर सैनीपुरा से भगवान परसुराम चौक, मसानी चौक से होते हुए गाजे बाजे व नाच गांनों के साथ सम्मेलन स्थल तक लाया गया। उसके बाद कवि सम्मेलन का आगाज हुआ। इस मौके पर पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने हास्य कवि सम्मेलन के आयोजन के लिए सांस्कृतिक मंच को बधाई देते हुए कहा कि आधुनिक भागदौड़ भरी जिंदगी में हंसना व हंसाना मानव जीवन की खुशहाली का प्रतीक है।
होती रही वीणा के तारों की वंदना
इसी कड़ी में यह मंच इस तरह का आयोजन पिछले लंबे समय से करता आ रहा है। उन्होंने इस अवसर पर मंच को 31 हजार रूपए की राशि भी भेंट की। गूंजते ही रहें वीणा के तारों पर वंदना के ये स्वर अर्चना के ये स्वर सुरेश मक्कड़ की ओर से रचित, गिरीश कानौड़िया ने मधुर कंठ द्वारा मां शारदे की वंदना से कार्यक्रम का प्रारंभ किया।
इसके बाद बाल कवि उरांश गौतम ने बड़े ही अच्छे ढंग से काव्य पाठ किया। सरदार मंजीत सिंह ने कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए आॅनर किलिंग से प्रेम कथा फेल हो गई हत्यारों की तो अगले दिन ही बेल हो गई। अरबों का माल लूट के वो उड़ गए विदेश कुछ मुर्गी चोरों को यहां पे जेल हो गई।
काव्य पाठ भी किया गया
आदि कविताओं से काव्य पाठ किया। उत्तर प्रदेश से पहुंची योगिता चौहान ने अपनी धड़कन में ऐसे छुपाले मुझे, मैं तो एक गीत हूं गुनगुनाले मुझे । सुनके हिचकी तेरी मैं तो चली आऊंगी, बनके मोहन कभी भी बुला ले मुझे से पंडाल को तालियां बजाने को मजबूर कर दिया।
स्थानीय कवि सुरेश मक्कड़ साहिल ने आकाश में सदैव दीप-तारे जगमगाएंगे, धूप-छांव-चांदनी कभी कहीं न जाएंगे, व्यर्थ जो चले गए ये प्यार के दो चार पल, लौट कर न आएंगे ये लौट कर न आएंगे कविता से सब का दिल जीत लिया तो वही झज्जर से पहुंचे मास्टर महेंद्र ने हांस्य की कविता व हास्य चुटकुलों के माध्यम से लोगों का मनोरंजन किया।
इस तरह चला रचनाओं का दौर
शरफ नानपारवी बहराइच से आऐ कवि ने कहा कि जहा से अमन के पंछी उडान भरते है, उसी दरखत के पते लगान भरते है। ऐसा भी कर्ज देखा है उनके सूद उनके खानदान भरते है आदि गजल सुनाकर होली के मौके पर हिंदू मुस्लिम भाई-भाई के नारे को सार्थक किया और लोगों को खूब हसांया। मेरा प्यारा हिंदुस्तान मेरा अपना हिंदुस्तान की देश प्रेम कविता से देश भक्ति का पाठ किया। इंदौर से पहुंचे प्रशिद्ध कवि जानी वैरागी ने तितलियों वाले हाथों में क्यों बारूद थमाते हो आदि कविताए सुना कर लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। लोगों ने खूब तालिया बजा कर उनका होसला अफजाई किया।
प्रधान ने भी बांटा ज्ञान
मंच के प्रधान नरेश जोशी व सचिव अशोक यादव ने बताया कि पिछले कार्यक्रम से इस कार्यक्रम के बीच इस संस्था के चार स्तम्भ अब हमारे बीच नहीं है इसलिए आज का यह कार्यक्रम हम उनको समर्पित करते है और इसके लिये उन्होंने सबसे पहले दो मिनट का मौन भी रखवाया। इस मौके पर मंच संचालन करते हुए सुशील शर्मा ने बताया कि 52 वर्षों से महामूर्ख एवं हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
जिसकी शुरूआत प्रो. शिवराम शर्मा ने की थी। उसके बाद मास्टर जयनारायण महामूर्ख की भूमिका निभाते आ रहे थे जो भगवान को प्यारे हो गए। उन्होंने बताया कि हर वर्ष होली के अगले दिन दुल्हेंडी पर महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन रामलीला परिषद में किया जाता है। जिसका लुत्फ हजारों लोग उठाते हैं।
इन लोगों ने दर्ज कराई उपस्थिति
इस अवसर पर आरपीएस के फाउंडर डायरेक्टर डॉ. ओ. पी.यादव, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी मुकेश लवानिया, हरियाणा कला परिषद के क्षेत्रीय निदेशक महेश जोशी, वाई.एच.ए. के निदेशक अनिल कौशिक, गौसेवा आयोग के सदस्य दयाशंकर तिवाडी, रामावतार शास्त्री, राकेश मेहता एडवोकेट, व्यापार मंडल के प्रधान सुरेंद्र बंटी, सुंदर लाल असोदिया, घीसा राम सैनी, रामजीवन मित्तल, सुरेश लावनियां
सुभाष अग्रवाल हैप्पी स्कूल, महेंद्र सिंह चामधेड़ा, संदीप मालड़ा, पवन खैरवाल, मुकेश मेहता, कैलाश पाली, राधाकृष्ण मक्कड़, नरेश चेयमैन, सतबीर झुकिया, बसंत दादरीवाले, प्रमोद शास्त्री, महाबीर भांडोरिया, दलीप गोस्वामी, अतुल दीवान, तुलसी राम झगडोली, मनोज गौतम, राजू डिक्सवाला, राधेश्याम दिल्लीवान, पार्षद अमित मिश्रा, नरेंद्र खन्ना, अजय बचीनी, अतुल दीवान, प्रवीण दीवान, सुनील यादव, प्रो. रतनलाल व अनेकों कविओं के अलावा गणमान्यजन एवं हजारों की संख्या में श्रोता मौजूद रहे तथा उन्होंने महामूर्ख एवं हास्य कवि सम्मेलन का हंस-हंस कर लुत्फ उठाया।
Comic Poetry Conference
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