कहा, पराली समस्या से निपटने में केंद्र नहीं कर रहा मदद
Punjab Stubble Problem (आज समाज), चंडीगढ़ : हर साल की तरह इस बार भी प्रदेश में पराली को आग लगाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी किसान नहीं रुक रहे। इसका नतीजा यह है कि प्रदेश में वायु की गुणवत्ता बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है। जिसके बाद एक्यूआई लगातार खराब स्थिति में पहुंच रहा है।
मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की बात करें तो पराली के लगातार जलने से पंजाब के छह शहरों का एक्यूआई शुक्रवार को भी यलो जोन में रहा। सबसे अधिक 174 एक्यूआई मंडी गोबिंदगढ़ का दर्ज किया गया, जबकि अमृतसर का 154, बठिंडा का 115, जालंधर का 110, खन्ना का 109 और पटियाला का 114 दर्ज किया गया। वहीं लुधियाना का एक्यूआई 98 दर्ज किया गया। यह एक्यूआई मध्यम श्रेणी में है। डॉक्टरों के मुताबिक इस एक्यूआई में खास तौर से दमा, फेफड़ों व दिल के रोगों से पीडित मरीजों को सांस लेने में समस्या हो सकती है।
राज्य और केंद्र सरकार आमने-सामने
पराली जलाने की समस्या पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पराली जलाने की समस्या के लिए केवल पंजाब को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सीएम मान ने कहा कि पराली जलाने की समस्या पूरे उत्तर भारत की है। इसके लिए केंद्र सरकार को विशेष तौर पर प्रधानमंत्री को पूरे उत्तर भारत के राज्यों की एक बैठक बुलानी चाहिए और इसका हल निकालना चाहिए। सीएम ने कहा कि पंजाब का किसान धान उगाना ही नहीं चाहता क्योंकि प्रदेश में पहले भू-जल स्तर नीचे चला गया है। धान की जगह प्रदेश का किसान वैकल्पिक खेती तलाश रहा है, लेकिन इसमें भी एक बड़ी समस्या है कि उन्हें उस पर उचित एमएसपी नहीं दी जाती है।
इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र करे मदद
मान ने कहा कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए, ताकि वह ऐसा ना करें। उन्होंने कहा-दिल्ली में बैठे कई लोग बोलते हैं कि पंजाब में पराली जलने की वजह से प्रदूषण होता है, जबकि एनजीटी के एक पूर्व रिटायर्ड जस्टिस ने बीते दिनों अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया था कि पंजाब में पराली जलने की वजह से दिल्ली में वायु प्रदूषण नहीं होता है।
इसलिए जल रही पराली
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे पराली जलाने के मामलों के बारे में विशेषज्ञों ने कहा कि पराली प्रबंधन की लागत अधिक होना और धान की कटाई व रबी फसलों की बुआई में कम समय होने के कारण किसान धड़ल्ले से पराली जला रहे हैं। इसके साथ ही सरकार की योजनाओं का लाभ कम रकबे वाले किसानों तक नहीं पहुंचने के कारण भी पराली को जलाया जा रहा है। इस संबंध में पंजाब व हरियाणा सरकार को कई बार सुप्रीम कोर्ट फटकार लगा चुका है।
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