प्रवीण वालिया, Karnal News: बारिश के दिनों में पानी निकासी के सबब से शहर में जल भराव न हो। इसके लिए नगर निगम की ओर से नालों की साफ-सफाई का धरातल पर काम हो रहा है। प्रतिदिन शहर से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी का मुख्य स्त्रोत मुगल कैनाल है, इसकी चरणबद्घ तरीके से सफाई करवाई जा रही है। अब तक कितना कार्य हुआ है और समूची कैनाल की सफाई का कार्य कब मुकम्मल होगा, बुधवार को निगम के अतिरिक्त आयुक्त गौरव कुमार ने इसकी जानकारी दी।
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हर बार झेलनी पड़ती है जलभराव की समस्या
उन्होंने बताया कि मुख्य शहर और सेक्टरों के बीच से गुजरती मुगल कैनाल एक पुराना नाला है, जो पुराने मेला राम स्कूल से लेकर नेशनल हाईवे तक करीब 3 किलोमीटर लम्बा और पक्का है, इससे आगे यह कच्ची अवस्था में ही है। पिछले कई सालों से बारिश के दिनो में शहर की स्थिति की बात करें, तो निगम को प्रयासों के बावजूद भी कई जगह जल भराव की समस्या से गुजरना पड़ता है। इससे निपटने के लिए मौजूदा निगमायुक्त नरेश नरवाल ने मुगल कैनाल और दूसरे सभी छोटे-बड़े नालो की सफाई की योजना बनाई, जिस पर जोरों से काम हो रहा है। अतिरिक्त आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि मुगल कैनाल के पक्के भाग को तीन हिस्सो में बांटा गया है, पहले भाग में मेला राम स्कूल से लेकर पुरानी सब्जी मण्ड़ी रोड की पुलिया तक एरिया शामिल है, जो वर्षों से विकसित रूप में है और इसके दोनो ओर बड़े-बड़े शोरूम स्थापित हैं।
प्लानिंग के अनुसार किया गया काम शुरू
दूसरे भाग में इस पुलिया से लेकर मेरठ रोड स्थित के.आर. सिनेमा स्थल तक का एरिया शामिल है, जबकि तीसरे भाग में के.आर. सिनेमा स्थल से लेकर नेशनल हाईवे तक का भाग आता है। नगर निगम की प्लानिंग के अनुसार भाग-3 से इसकी सफाई का काम प्रारम्भ किया गया, जो अगले 1-2 दिन में समाप्त हो जाएगा। इस कार्य में कैनाल में जमी गाद को निकालने के लिए पोकलेन और ट्रैक्टरों की मदद ली गई। निगम इंजीनियरों के अनुसार कैनाल की सफाई को अंजाम देने के लिए प्रतिदिन 8 से 10 घण्टे लगाए जाते हैं। अतिरिक्त आयुक्त ने बताया कि इसके बाद मुगल कैनाल के भाग-2 की सफाई का काम प्रारम्भ करवाया जाएगा और इसे जल्द ही खत्म करके भाग-1 की साफ-सफाई करवाई जाएगी, लेकिन लक्ष्य है कि साफ-सफाई का सारा कार्य चालू मास में ही निपटा लिया जाए।
कच्चे भाग में भी हो जाएगी पानी निकासी
उन्होंने बताया कि मुगल कैनाल के पक्के भाग के अलावा इसके कच्चे हिस्से में भी पानी निकासी को उपयुक्त बनाने के लिए नगर निगम काम करवा रहा है। इसके लिए इसे चौड़ा करने के साथ-साथ गाद निकालकर इसकी गहराई भी बढ़ाई जा रही है, ताकि बारिश के दिनो में यह पानी के अत्याधिक बहाव को सहन कर सके और गंदा पानी ओवरफ्लो होकर साथ लगती आबादी में प्रवेश न कर सके। इसके लिए इसके किनारों को भी ऊंचा किया जा रहा है। खास बात यह है कि मुगल कैनाल की अच्छे तरीके से सफाई का कार्य करीब 3 साल बाद करवाया जा रहा है, अब तक 50 प्रतिशत से ज्यादा सफाई का कार्य मुकम्मल हो गया है।
मुगल कैनाल का है रोचक इतिहास
शहर से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी का मुख्य स्त्रोत मुगल कैनाल का एक रौचक इतिहास बताया गया है। नगर निगम के मुख्य अभियंता महीपाल सिंह ने बताया कि वर्षों पहले यह एक कच्चा व गंदा नाला था और सारे शहर के गंदे पानी की निकासी इसी से होती थी। बारिश का पानी भी इसी से होकर गुजरता था। गंदा नाला होने की वजह से इसमें जंगली वनस्पति का सम्राज्य था, जिससे गंदगी व मच्छरों का भरमार रहती थी। परिणामस्वरूप शहर में मलेरिया का प्रकोप भी रहता था। यहां तक की पश्श्चिमी हवा के झोंकों से गंदे पानी की बदबू 13 एक्सटेंशन में रह रहे लोगों के जी का जंजाल बन जाती थी और कई परिवार अपनी अलॉटमेंट छोड़कर कहीं ओर जाने लग गए थे। इस समस्या से निजात पाने और इसका स्थाई हल करने के लिए तत्कालीन करनाल उपायुक्त सुशील कुमार ने 1990-91 में इसको कवर करके दोनो ओर शोरूम बनाने की योजना बनाई, जो एक साल में सिरे चढ़ी। नगर सुधार न्यास की ओर से इसका एस्टीमेट तैयार किया गया, टैण्डर लगा और 13 अप्रैल 1992 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भजन लाल ने कार्य का शिलान्यास किया और इस पर काम शुरू हुआ।
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