Aaj Samaj (आज समाज),Classical Homeopathy Physician Dr Jaishree Malik, पानीपत : क्लासिकल होम्योपैथी फिजिशियन डॉ जयश्री मलिक ने बताया कि पित्ती (त्वचा पर खुजलीदार लाल धब्बे), त्वचा में खुजली होना, लाल रैशेज, त्वचा का लाल पड़ जाना, त्वचा में सूजन का आना, त्वचा की खाल का निकलना, उभरना या उसमें गांठें बनना, सोरायसिस, एग्जिमा, फंगल इन्फेक्शन आदि शामिल है, चूंकि एलर्जी हर किसी के लिए एक जैसी नहीं है। इस बारे जानकारी देते हुए इसलिए प्रत्येक व्यक्ति की त्वचा की प्रकृति और एलर्जी के प्रकार की पहचान करना बहुत आवश्यक है, जिससे वह व्यक्ति प्रभावित होता है। इस प्रकार त्वचा की एलर्जी के लिए इलाज का होम्योपैथिक तरीका सबसे अच्छा है।
Classical Homeopathy Physician Dr Jaishree Malik : एलर्जी, दाद, खाज खुजली व त्वचा संबंधी रोगों को जड़ से खत्म करता है होम्योपैथिक इलाज : डॉ जयश्री
डॉ जयश्री मलिक ने बताया कि एलर्जी की बात की जाए तो ये किसी भी तरह की हो सकती है। जैसे नाक की एलर्जी, त्वचा पर एलर्जी, वातावरण से एलर्जी, खाने पीने की चीजों से एलर्जी, पेंट से एलर्जी, धूल मिट्टी से, और धुएं आदि से हो सकती है। जब हमारा शरीर किसी चीज को बर्दाश्त नहीं कर पाता और उसके संपर्क में आने से ओवर-रिऐक्ट करता है, तो उसे एलर्जी कहते हैं। एलर्जी की वजह से कई बार सांस लेने में तकलीफ और आंख-नाक से पानी आने की समस्या हो जाती है।
एलर्जी होने के मनोवैज्ञानिक कारण भी हो सकते हैं इसमें ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर ( मन में लगातार दोहराए जाने वाले विचारों वाला एक मनोवैज्ञानिक विकार जो कुछ दोहराए जाने वाले व्यवहार की ओर ले जाता है), अवसाद और चिंता भी शामिल है। एलर्जी कुछ प्रणालीगत चिकित्सा स्थितियों जैसे कि थायरॉयड, मधुमेह और इनमें से कुछ गंभीर स्थितियों में भी हो सकती है, जिनमें गुर्दे की विफलता, यकृत रोग, लिंफोमा (लसीका तंत्र का कैंसर), मल्टीपल मायलोमा (प्लाज्मा कोशिकाओं का कैंसर) शामिल हैं।
एलर्जी को होम्योपैथिक इलाज जड़ से खत्म करता है। होम्योपैथी में कई तरह की दवाइयां उपलब्ध है, लेकिन ध्यान रखें कि इन दवाइयों का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह अनुसार ही करें दवा कैसे, कब और कितनी मात्रा में लेनी है इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूर ले डॉक्टर आपकी स्थिति अनुसार आपको डोज़ निर्धारित करता है।