आगरा। कांग्रेस की ओर से प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए , उन्हें अपने घरों तक पहुंचाने के लिए बसों की पेशकश यूपी सरकार से की गई। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ने यूपी के सीएम योगी से कांग्रेस की ओर से 1000 बसों को इन श्रमिकों के लिए देने की पेशकश की जिसे सीएम योगी की ओर से स्वीकार कर लिया गया। लेकिन बाद में एक के बाद एक पत्रों की बाढ़ आ गई लेकिन कांग्रेस की ओर से श्रमिकों के लिए दी जाने वाली बसोंको चलाया नहीं जा सका। आज सुबह से ही बसों पर सियासत तेज रही। आगरा मैं सुबह से यूपी राजस्थान बॉर्डर पर कॉंग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू बसों को पास कराने के लिए डटे हुए हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में उन्हें दाखिल नहीं होने दिया जा रहा अजय कुमार लल्लू अपनी बात मनवाने के लिए सड़क पर बैठ गए इसके बाद राजस्थान पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई है,अजय कुमार लल्लू का कहना है कि यूपी सरकार में बैठे मंत्री और प्रवक्ता सुबह से लेकर शाम तक सिर्फ झूठ बोल रहे हैं गरीब मजदूरों के साथ अन्याय कर रहे हैं जब प्रदेश सरकार ने हमें बसों को लाने की अनुमति दी थी फिर उत्तर प्रदेश पुलिस अब यह क्यों कह रही है कि हमारे पास बसों को ले जाने की अनुमति नहीं है, यूपी पुलिस ने जब बसों को दाखिल नहीं होने दिया तो अजय कुमार लल्लू कार्यकतार्ओं के साथ सड़क पर बैठ गए।
"जब नाश मनुज पर छाता है,
पहले विवेक मर जाता है।"यूपी भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री अजय सिंह बिष्ट अहंकार के बांध तोड़ चुके हैं। यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को गिरफ्तार कराने से हमारे इरादे नहीं टूटेंगे और कान खोलकर सुन लो…मजदूर अपने घर जाएंगे।#आदित्यनाथ_का_अत्याचार pic.twitter.com/kJaRbqZnnL
— Congress (@INCIndia) May 19, 2020