नई दिल्ली। तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुए झगड़े पर सुप्रीम कोर्ट की पहली टिप्पणी आ गई है। इसमें कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि गलती जरूर दोनों पक्षों की तरफ से हुई होगी। हालांकि, कोर्ट ने यह बात किसी दूसरे मामले पर सुनवाई के दौरान कही है। कोर्ट में उस वक्त ओडिशा में चल रही वकीलों की हड़ताल का मामला सुना जा रहा था।
सुनवाई के दौरान बार काउंसिल आॅफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्रा ने तीस हजारी मामले का जिक्र किया। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ताली एक हाथ से नहीं बजती। कमियां दोनों पक्ष में थी। हमारा चुप रहना ही ठीक है।श् यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने की। इसमें जस्टिस संजय किशन कौल और केएम जोसफ शामिल हैं।
इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की एक याचिका भी खारिज की थी। उसमें वकीलों ने मीडिया पर बैन की मांग की थी। वकील चाहते थे कि पुलिसवालों से चल रहे उनके विवाद पर मीडिया कवरेज पर बैन लगे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने से मना कर दिया। वकीलों द्वारा मीडिया पर पाबंदी लगाने की वह तीसरी कोशिश थी। सुप्रीम कोर्ट से पहले दो बार ऐसी ही याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की गई थी। वहां भी वकीलों की याचिका को खारिज किया गया था।
बता दें कि तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग के मामूली झगड़े ने बड़े विवाद का रूप ले लिया था। इसकी वजह यह अफवाह थी कि पुलिस की गोली से एक वकील की मौत हो गई है। इस अफवाह के बाद पुलिस पर हमले हुए थे। उनके गाड़ियों में भी आग लगा दी गई थी। अब एक नया विडियो भी सामने आया है, जिसमें घटना पर मौजूद महिला आईपीएस मोनिका भारद्वाज हिंसा रोकने के लिए वकीलों के हाथ जोड़ रही थी।
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.