CJI Chandrachud Oxford News: मुझे सत्ता की तरफ से कभी नहीं करना पड़ा दबाव का सामना

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CJI Chandrachud Oxford News
आक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी में स्पीच देते देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़।

Aaj Samaj (आज समाज), CJI Chandrachud Oxford News, नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि उन्हें 24 साल के करियर में कभी भी सत्ता की तरफ से राजनीतिक दबाव का सामना नहीं करना पड़ा है। वह मंगलवार को आक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी में बोल रहे थे। दरअसल उनसे बतौर जज फैसले सुनाते समय राजनीतिक और सामाजिक दबावों के बारे में सवाल किया गया था।

पारदर्शिता लाने में तकनीक की अहम भूमिका

सीजेआई ने अपनी स्पीच में न्याय की प्रक्रिया और कानून के प्रशासन को लोगों के घरों व दिलों तक ले जाने की जरूरत पर भी बल दिया। समाज में निर्णायकों की मानवीय भूमिका विषय पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यायपालिका में पारदर्शिता लाने में तकनीक की अहम भूमिका है। भारतीय चुनाव को लेकर किए गए सवाल के जवाब में मुख्य न्यायाधीश ने कहा, चुनाव संवैधानिक लोकतंत्र के मूल में हैं, लेकिन भारत में न्यायाधीशों का चुनाव नहीं किया जाता। न्यायाधीश संवैधानिक मूल्यों की निरंतरता की भावना को दर्शाते हैं।

लोकतंत्र में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका

लोकतंत्र में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसमें हम परंपरा की भावना को दर्शाते हैं और ये भी दर्शाते हैं कि एक अच्छे समाज का भविष्य कैसा होना चाहिए। सीजेआई ने कहा, न्यायालय निरंतर संवाद की प्रक्रिया में शामिल है और कोर्ट न केवल मुकदमा करने वाले पक्षों के साथ बल्कि नागरिकों और समाज के साथ भी संवाद करता है। अहम संवैधानिक मामलों को लाइवस्ट्रीम करने के उनके फैसले पर डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें न्याय की प्रक्रिया और कानून के प्रशासन को लोगों के घरों और दिलों तक ले जाने की जरूरत है।

वैश्विक मानवता की संपत्ति बन जाता है एक बार सुनाया गया फैसला

विशेष विवाह अधिनियम के फैसले पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, मैं यहां फैसले का बचाव करने के लिए नहीं आया हूं क्योंकि मेरा मानना है कि एक बार जो फैसला सुना दिया गया, वह देश ही नहीं बल्कि वैश्विक मानवता की संपत्ति बन जाता है। स्पेशल मैरिज एक्ट संसद द्वारा बनाया गया एक कानून था, जो विषमलैंगिक संबंध में विवाह की परिकल्पना करता है। उन्होंने कहा, उस मामले में मैं अल्पमत में था, लेकिन मेरे तीन सहकर्मी सहमत नहीं थे क्योंकि उनका मानना था कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देना न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के बाहर है।

भविष्य के लिए असीम संभावनाओं से भरा है एआई

डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा ने टोक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर कहा, यह अहम है कि हम न्याय के मानवीय तंत्र को सुनिश्चित करने के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग के पक्ष और विपक्ष को समझें और महत्व दें। एआई भविष्य के लिए असीम संभावनाओं से भरा हुआ है। उन्होंने कहा, हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि कंट्रोल करने के लिए हम सुरक्षा उपाय लागू करें और संचार की प्रक्रिया को जज से रोबोट में शिफ्ट न करें।

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