Aaj Samaj (आज समाज), CJI Chandrachud, श्रीनगर: सुप्रीम कोर्ट ने 35ए को नागरिकों के अधिकारों का हनन करने वाला आर्टिकल बताया है। सोमवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 35ए के तहत जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेषाधिकार मिले थे, लेकिन, इसी आर्टिकल की वजह से देश के लोगों के तीन बुनियादी अधिकार छीन लिए गए। इसी के साथ इस आर्टिकल के कारण अन्य राज्यों के लोगों के कश्मीर में जमीन खरीदने, नौकरी करने और बसने के अधिकारों का हनन हुआ।
आर्टिकल 370 के खिलाफ याचिकाओं पर चल रही सुनवाई
बात दें कि सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर लगातार सुनवाई चल रही है। सोमवार को सुनवाई को 11वां दिन था और सीजेआई ने इसी दौरान कल 35ए पर टिप्पणी की। आज 12वें दिन भी मामले में सुनवाई होगी। केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को बताया कि फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे और इसी हमले के बाद केंद्र को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने व उसे पूरी तरह भारतीय गणराज्य में मिलाने के बारे में सोचना पड़ा।
लागू नहीं हो पाते थे केंद्र के कई कानून
एसजी तुषार मेहता ने कहा कि आर्टिकल 370 लागू होने से जम्मू-कश्मीर में केंद्र के कई कानून लागू नहीं हो पाते थे। देश के संविधान में शिक्षा का अधिकार जोड़ा गया, लेकिन 370 की वजह से यह लागू नहीं हो पाया। आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को बराबरी पर लाया गया।
अब कश्मीर में केंद्र के कानून लागू हो रहे
एसजी मेहता ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में केंद्र के कानून लागू हो रहे हैं। बिजनेसमैन वहां इन्वेस्ट करना चाहते हैं। टूरिज्म भी बढ़ रहा है। पहले वहां हाईकोर्ट के जज राज्य के संविधान की शपथ लेते थे। अब उन पर देश का संविधान लागू करने का दायित्व है।
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