जगदीश, नवांशहर :
सिविल सर्जन डॉ. देविंदर ढांडा के कुशल नेतृत्व में शनिवार को “डेंगू की रोकथाम, उपचार, प्रबंधन और देखभाल” विषय पर वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, प्रखंड विस्तार शिक्षक, स्वास्थ्य निरीक्षकों सहित चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया।
मच्छर प्रजनन के स्रोतों को समाप्त किया जाना चाहिए
इस अवसर पर जिला महामारी विज्ञानी डॉ. राकेश पाल ने डेंगू रोग पर एक प्रभावशाली प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने डेंगू मच्छर के जीवन चक्र को तोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने डेंगू रोग की वर्ष-दर-वर्ष स्थिति के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में डेंगू होने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक किया जाए कि ऐसे कपड़े पहनने चाहिए, जिनसे पूरा शरीर ढका हो ताकि मच्छर काट न सकें। मच्छरों के प्रजनन के स्रोतों को समाप्त किया जाना चाहिए। अगर किसी को डेंगू के लक्षण नजर आते हैं तो उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच करानी चाहिए।
घर-घर जाकर डेंगू के लार्वा का लगातार निरीक्षण
अंत में सिविल सर्जन डॉ. देविंदर ढांडा ने बारिश के मौसम में डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों को अलर्ट किया है। उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए सर्वेक्षण, जांच और जागरूकता अभियान को अगले स्तर तक ले जाना चाहिए। उन्होंने पर्यवेक्षी कर्मचारियों से डेंगू की बीमारी को गंभीरता से लेने को कहा। इसलिए हर घर में जाकर डेंगू के लार्वा की लगातार जांच सुनिश्चित की जाए। यदि किसी घर में डेंगू का मामला पाया जाता है तो उस वार्ड/गांव के सर्वे स्टाफ की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसलिए जिले में वार्ड/गांव की मैपिंग की जा रही है।
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