धीरज चैहल, झज्जर :
25 अप्रैल और 17 अगस्त को गृह मंत्री अनिल विज के साथ हुई मीटिंग मे फैसला लिया गया था कि जब तक कर्मचारियों को पक्का नहीं किया जाता उन्हें समान काम समान वेतन दिया जाए जो अब तक लागू नहीं हुआ।
23 और 24 अगस्त को कर्मचारी 2 दिन की भूख हड़ताल भी कर चुके हैं ।
कोरोना कॉल में भी कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया लेकिन सरकार ने हमारी कोई सुध नहीं ली।प्रधानमंत्री के द्वारा कोरोना काल में काम करने पर हमें करोना योद्धा का नाम दिया हमें फूल मालाओं से सम्मानित किया गया लेकिन हमें इस सम्मान की कोई जरूरत नहीं बल्कि समान काम समान वेतन और पक्का करने की जरूरत है।
कर्मचारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ढाबे पर पूरी उम्र गुजारा किया है और ना ही उनका कोई परिवार है वे हम कर्मचारियों का दुख कैसे समझेंगे कि हम 15000 में घर कैसे चलाएं।
कर्मचारियों ने कहा कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो बड़े स्तर पर हड़ताल करेंगे। उन्होंने कहा कि पूरे शहर की सफाई की जिम्मेवारी हमारे ऊपर होती है अगर हमारी मांगे प्रशासन और सरकार के द्वारा न मानी गई तो हम भी सफाई नहीं करेंगे चाहे शहर में कितनी ही गंदगी क्यों न हो जाए।
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