धीरज चाहार, झज्जर :
डीसी श्याम लाल पूनिया ने कहा है कि मच्छर के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी घातक बीमारियां होती हैं। यह बातें जान लेना इसलिए जरूरी हैं क्योंकि बारिश की वजह से मच्छर पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के प्रति लोगों का जागरूक होना जरूरी है।
डीसी श्री पूनिया ने कहा कि मानसून में सबसे ज्यादा परेशान मच्छरों से होने वाली बीमारियां करती हैं। ऐसी ही एक बीमारी का नाम है मलेरिया। यह बीमारी फीमेल एनोफेलीज मच्छर के काटने से होती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में बुखार, सिरदर्द, बदनदर्द, कमजोरी, चक्कर आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी से बतने के लिए व्यक्ति को पूरी तरह ढके हुए कपड़े पहनने चाहिए। इसके अलावा अपने आसपास साफ-सफाई का भी ध्यान रखें। घर के आसपास जलभराव न होने दें। समय-समय पर मच्छरों को दूर रखने के लिए घर की नालियों के आसपास स्प्रे करवाते रहें। उन्होंने कहा कि मानसून में मच्छरों से होने वाली डेंगू दूसरी गंभीर बीमारी है। डेंगू से हर साल सैकड़ों लोग अपनी जान गवां देते है। इस बुखार से पीड़ित व्यक्ति में सिरदर्द, रैशेज, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, ठंड लगना, कमजोरी, चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते है। डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट लेनी चाहिए। इसके अलावा इन लक्षणों के नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपरोक्त के अलावा मानसून में एडिस मच्छर के काटने से चिकनगुनिया होता है। इस बीमारी के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते होते हैं। यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटते है। सिरदर्द, आंखों में दर्द, नींद न आना, कमजोरी, शरीर पर लाल चकत्ते बनना और जोड़ों में तेज दर्द इस बीमारी के लक्षण है। इस बीमारी से बचने के लिए घर के आस-पास सफाई रखें ताकि आपके आस-पास मच्छर न पैदा हो सके।
श्री पूनिया ने जिलावासियों का आहवान किया है कि मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया से बचाव के लिए पानी के बर्तन, टंकी, घड़ों आदि को ढककर रखें और सप्ताह में एक बार कूलर, फूलदान, फ्रिज की ट्रे, पशु व पक्षियों के बर्तन व ड्रमों को खाली करके सुखाएं और फिर उनमें पानी डाले। शरीर
को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहने। ठहरे पानी में लारवा नाशक दवा डाले। जहां पानी ठहरेगा, वहीं मच्छर पनपेगा। और यदि हम पानी ठहरने नहीं देंगे तो मच्छर भी पैदा नहीं होंगे।
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