Aaj Samaj (आज समाज),Chulkana Dham Annual Yatra will be held on 17th March,पानीपत : इस बार 17 मार्च को होगी वार्षिक यात्रा। यह घोषणा वृंदावन ट्रस्ट ने की रविवार को की। लगभग पिछले दशक से आयोजित वार्षिक यात्रा का इंतजार पानीपत जनपद के नागरिक बड़ी बेसब्री से करते हैं। पानीपत से चुलकाना तक की पदयात्रा पानीपत में एक उत्सव की तरह आयोजित की जाती है। इस वर्ष 17 मार्च रविवार को प्रातः काल 4:00 बजे जीटी रोड से यह यात्रा पूर्व की भांति चलेगी। नगर की प्रमुख महत्वपूर्ण हस्तियों ने शंखनाद करके इस यात्रा का बिगुल बजाया। वृंदावन ट्रस्ट के संरक्षक विकास गोयल एवं अध्यक्ष राकेश बंसल ने कहा कि यह यात्रा एक संस्था की नहीं है। यह यात्रा पानीपत के समस्त धार्मिक संस्थाओं की संयुक्त यात्रा है। पानीपत के श्याम प्रेमियों का संयुक्त प्रयास है। आज यात्रा की तिथि घोषणा शंखनाद कार्यक्रम में भी पानीपत की अधिकतम श्याम संस्थाओं ने शिरकत की।
वृंदावन ट्रस्ट के महासचिव हरीश बंसल ने कहा कि जिले के दो महत्वपूर्ण तीर्थ प्रकटेश्वर हनुमान मंदिर से इस यात्रा का शुभारंभ आज राजेश गोयल राकेश गर्ग अमित आहूजा द्वारा नारियल फोड़ कर किया जा रहा है और संस्था की ओर से एक नारियल चुलकाना यात्रा के दिन चढ़ाया जाएगा। इस नारियल को प्रत्येक यात्री अपने हाथ से छूएगा। यह नारियल पानीपत के समस्त नागरिकों की ओर से चढ़ाया जाएगा।कार्यक्रम में विद्वान ब्राह्मणों व योगेंद्र बंसल द्वारा शंख ध्वनि का शंखनाद किया गया। वृंदावन ट्रस्ट के दिनेश गर्ग एवं संजय गोयल द्वारा मकर संक्रांति की खिचड़ी प्रसाद स्वरूप वितरित की गई। केसर के दूध का प्रसाद वितरित किया गया। आकाश में सैकड़ों रंगीन गुब्बारे छोड़कर खुशनुमा बनाया गया।
वृंदावन ट्रस्ट में बैठक में निर्णय लिया है कि लाखों लोगों की वापसी की व्यवस्था बनाने के लिए भरपूर प्रयास किए जाएंगे। इस अवसर पर डॉ गौरव श्रीवास्तव ने 21 नवंबर को होने वाले पानीपत के सांझ कार्यक्रम के लिए सबको आमंत्रित किया। राम जन्मभूमि के 11000 दीपक पानीपत वासियों के सहयोग से एवं कार सेवकों के सहयोग से जलाए जाएंगे। इस अवसर पर मुकेश गोयल, जोगिंदर कुंडू, राहुल गुप्ता, विशाल गुप्ता, गोरस बंसल, इशू गोयल, पुनीत गर्ग, मूलचंद, रमेश बंसल, ईश्वर गोयल, विशाल गुप्ता, राजेश सिंगला, नवीन गुप्ता, प्रवीण मित्तल, पवन गुप्ता, राजेश गोयल, योगेंद्र बंसल, मनोज कुमार, अमित राज गुप्ता आदि मौजूद रहे।