Fatty Liver Disease, (आज समाज), नई दिल्ली: देश का हर तीसरा व्यक्ति लिवर की एक ऐसी गंभीर समस्या से ग्रस्त हो सकता है, जिसको लेकर अगर लापरवाही की तो यह रोग जानलेवा हो सकता है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट आफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज में एक कार्यक्रम में यह बात कही है। उन्होंने कहा है कि देश में जिन क्रोनिक बीमारियों का जोखिम बढ़ता जा रहा है, लिवर से संबंधित समस्याएं उनमें से एक है।
बीमारी का कारण
केंद्रीय मंत्री ने कहा, देश में हर तीसरे व्यक्ति को फैटी लिवर डिजीज की समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि मधुमेह और अन्य मेटाबॉलिक विकारों के कारण होने वाली इस बीमारी का खतरा उन लोगों में भी तेजी से बढ़ाता हुआ देखा जा रहा है, जो लोग शराब भी नहीं पीते हैं।
बिना मोटापे वाले करीब 20% लोग भी हो रहे शिकार
जितेंद्र सिंह ने कहा, पश्चिमी देशों में नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) के ज्यादातर मामले मोटापे के शिकार लोगों में देखे जाते रहे हैं। हालांकि भारत में देखा जा रहा है कि बिना मोटापे वाले करीब 20 प्रतिशत लोग भी इस रोग का शिकार हो रहे हैं। लिवर की इस बीमारी पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इससे गंभीर और जानलेवा समस्याओं का भी खतरा हो सकता है।
समय रहते पहचान करके उपचार करना जरूरी
केंद्रीय मंत्री ने कहा, एनएएफएलडी के कारण लिवर सिरोसिस से लेकर लिवर कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा भी हो सकता है। इस विकार की समय रहते पहचान करके उपचार करना जरूरी है। फैटी लिवर की समस्या दो प्रकार की होती है- अल्कोहलिक फैटी लिवर और नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज। एनएएफएलडी के ज्यादातर मामलों के लिए लाइफस्टाइल और आहार में गड़ब़ड़ी को प्रमुख कारण माना जाता रहा है।