नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले के कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी। मिशेल की याचिका सीबीआई और प्रर्वतन निदेशायल केस में खारिज की गई है। बता दें कि मिशेल ब्रिटिश नागरिक है और उसकी जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए सीबीआई और ईडी ने 20 अगस्त को एक हफ्ते का समय मांगा था। राउज एवेन्यू अदालत के विशेष सीबीआई जज अरविंद कुमार के सामने सीबीआई और ईडी के विशेष अधिवक्ता डीपी सिंह ने कहा कि जमानत याचिका के साथ इटली के कोर्ट के फैसले की प्रति संलग्न की गई है। लिहाजा, उसके अनुवाद के लिए समय चाहिए। जिसके बाद अदालत ने जांच एजेंसियों को समय देते हुए अगली तारीख तय कर दी।
मिशेल ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि वह करीब नौ महीने से हिरासत में है। उसके खिलाफ जांच भी पूरी हो चुकी है। अब उसे जमानत पर छोड़ा जाए। उसने कहा कि इटली की अदालत भी बरी कर चुकी है। मिशेल को दुबई से चार दिसंबर 2018 को दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और उसे 5 दिसंबर को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई की पूछताछ के बाद ईडी ने उसे 22 दिसंबर को गिरफ्तार कर पूछताछ की थी। अदालत ने पूछताछ पूरी होने के बाद मिशेल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उसकी जमानत याचिका एक बार निचली अदालत से खारिज हो चुकी है। बता दें कि ईडी ने मामले में सबूत मुहैया कराने के लिए जिन देशों को लेटर्स रोगेटरी (साक्ष्य मुहैया कराने के लिए एक देश को भेजा गया प्रार्थना पत्र) भेजा था, वहां से जवाब आने लगे हैं। जांच एजेंसी ने इस मामले में अभी तक जितने भी आरोपियों से पूछताछ की है, उसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करके लेटर्स रोगेटरी को कई देशों को भेजा है। ईडी ने ब्रिटेन, इटली और दुबई को भेजे लेटर्स रोगेटरी में रतुल पुरी, राजीव सक्सेना, दीपक तलवार और इस मामले में नामजद दूसरे आरोपियों की जानकारी मांगी है।