चिराग पासवान को लगा झटका, लोजपा के बागी पारस बने कैबिनेट मंत्री

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए विस्तार के साथ ही बिहार में लोकजनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि लोजपा में फूट के सूत्रधार चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को मंत्री पद का तोहफा मिल गया है। इस पूरे मामले एक खास बात ये है प्रधानमंत्री मोदी के ‘हनुमान’ कहे जाने वाले चिराग की किसी ने सुध नहीं ली।

‘राम’ ने नहीं ली ‘हनुमान’ की सुध

लोकजनशक्ति पार्टी में फूट डालकर चिराग पासवान की राजनीति में अंधेरा करने वाले उनके चाचा पशुपति पारस को मंत्री पद का तोहफा मिल गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जगह मोदी की नई टीम में अब पशुपति कुमार पारस की इंट्री हो गई है। मोदी की टीम से चिराग पासवान को बाहर निकालने के लिए जहां यह एक तरफ मोदी सरकार की तरफ से पशुपति पारस को दिया गया ईनाम है, तो दूसरी तरफ चिराग के लिए इसे एक संदेश माना जा रहा है।
पशुपति पारस बिहार के हाजीपुर से सांसद हैं। वे लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के छोटे भाई हैं। पहले नीतीश सरकार में बिहार के पशु एवं मतस्य संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं। वे दो बार बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। अपने भाई रामविलास पासवान की छत्रछाया में रहकर अपनी राजनीति शुरू की और जब तक उनके भाई जीवित रहे उनके हिसाब से ही चलते रहे। लेकिन बताया जाता है कि जब रामविलास पासवान ने पार्टी की बागडोर चिराग के हाथों में सौंपी तो उसके बाद से ही पशुपति पारस अनमने से हो गए। उन्हें चिराग की अगुआई में काम करना रास नहीं आ रहा था।
कई मुद्दों पर उनके बीच मनमुटाव होता रहा। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश सरकार को समर्थन देने के मुद्दे पर दोनों में टकराव बढ़ा और मौका पाते ही उन्होंने पार्टी में बगावत कर दी और अपना गुट लेकर चिराग से अलग हो गए। पशुपति अपन साथ एलजेपी के अन्य 4 सांसद भी ले आए और चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया।