आज समाज डिजिटल, बीजिंग, (Chinese Foreign Minister Wang Yi): कोविड-19 के कहर से बदहाल चीन को अब भारत के साथ दोस्ती बढ़ाने की याद आई है। वहां के विदेश मंत्री वांग यी ने एक बार फिर दोस्ती का राग अलापते हुए सैन्य चैनलों और राजनयिक के जरिये संचार बनाए रखने की बात कही है।
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन और भारतीय जवानों के बीच 9 दिसंबर को झड़प भी हुई थी। इस घटना के बाद पहली बार चीन का बयान आया है। चीन में हर रोज करोड़ों की संख्या में कोविड-19 के नए मामले सामने आ रहे हैं और हजारों मौतें हो रही हैं। चाहे जांच केंद्र हों या अस्पताल या मॉच्यूरी अथवा श्मशानघाट, हर जगह चीन में कतारें लगी हैं। अंतिम संस्कार के लिए कई-कई घंटे इंतजार करना पड़ा रहा है।
सीमा में स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई
वांग ने कहा कि दोनों देश सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, हम चीन-भारत संबंधों के स्थिर व मजबूत विकास की दिशा में भारत संग काम करने के लिए तैयार हैं। चीनी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत और चीन ने 20 दिसंबर को चुशूल-मोल्दो सीमा बैठक बिंदु पर कोर कमांडर स्तर की बैठक के 17वें दौर का आयोजन किया और सुरक्षा बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की है।
जल्द अन्य मुद्दों को भी सुलझाने के लिए तैयार दोनों पक्ष
विदेश मंत्री वांग यी के बयान के अनुसार दोनों पक्ष निकट संपर्क में रहने व सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने के साथ ही जल्द से जल्द शेष मुद्दों को सुलझाने के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि नौ दिसंबर को तवांग के यांगत्से में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जब दोनों पक्षों का आमना सामना हुआ था तो भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सैनिकों को वापस जाने पर मजबूर कर दिया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर संसद में भी बयान दिया था, जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने कई सवाल उठाए थे।
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आंकड़े छिपाने की ड्रैगन की अब यह कोशिश
कोरोना मामलों में इजाफा होने के चलते चीन अब उसके आंकड़े छिपाने के लिए नई कोशिश में जुटा है। वहां के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने कहा कि अब वह रविवार से ऐसे डेटा जारी नहीं करेगा। आयोग के बयान में कहा गया कि प्रासंगिक कोविड-19 की जानकारी व अनुसंधान के लिए चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र कोरोना आंकड़ो को प्रकाशित नहीं करेगा। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि एकाएक लिए गए इस फैसले के क्या कारण हैं।
कोविड के केस 10 करोड़ के चार, 10 लाख मौतें
कई जानकारों के अनुसार चीन में अब कोरोना घातक रूप ले चुका है और देश में कुल मामले 10 करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं। इसी के साथ कोरोना से लगभग 10 लाख लोगों की मौत भी हो चुकी है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि अस्पताल में इलाज न मिलने के चलते पांच लाख लोगों मौत हो गई है।
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