नई दिल्ली। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भारत दौरा होना है हालांकि इसके पहले दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर बयानबाजी जारी है। पहले चीन ने कहा था कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और दोनों देशों को मिलकर सुलझाना चाहिए। हालांकि अब अपने रुख से यू टर्न लेते हुए एकबार फिर चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर राग गाया है। जिनपिंग की पाकिस्तानी पीएम इमरान खान से मुलाकात के बाद भारत ने उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है, जिसमें कश्मीर मुद्दे को ‘यूएन चार्टर’ के अनुसार सुलझाने की बात कही। इसका भारत ने कड़े शब्दों में विरोध किया है और साफ कहा है भारत अपने आंतरिक मामलों में किसी भी देश की दखलंनदाजी बर्दाश्त नहीं करेगा। बता दें कि तमिलनाडु के महाबलीपुरम (ममल्लापुरम) में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक होनी है जिसके पहले चीन की ओर से यह बयान आया है। वहीं, कांग्रेस ने भी चीन को हांगकांग मुद्दे पर घेरने की सलाह दी है। कांग्रेस का कहना है कि हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों के प्रदर्शन, उइगर मुसलमानों पर अत्याचार और अन्य मसलों पर भारत भी चीन को घेरे। मालूम हो कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 11 अक्तूबर यानी शुक्रवार को करीब 24 घंटे के भारत दौरे पर तमिलनाडु के महाबलीपुरम पहुंचेंगे। यहां शुक्रवार और शनिवार को उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता होगी। हालांकि कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के संबंधों में तल्खी की स्थिति बन रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने साफ कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत के रुख की जानकारी चीन को पहले से ही है। भारत अपने आंतरिक मामलों में किसी भी देश का दखल बर्दाश्त नहीं करेगा। चीन के इस यू टर्न पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।