(आज समाज), बीजिंग/ताइपे: चीन ताइवान से पंगेबाजी लेना नहीं छोड़ रहा है। उसकी सेना ने एक बार फिर ताइवान की सीमा में घुसपैठ की कोशिश की है। हालांकि, ताइवान की सेना ने चीन को इसका माकूल जवाब दिया है। ताइवान के राष्टÑीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने बताया कि चीन के सात नौसैनिक पोत, दो जहाज व 25 सैन्य विमान गुरुवार सुबह छह बजे से शुक्रवार सुबह छह बजे ताइवान के आसपास देखे गए। सैन्य विमान उड़ान भरते देखे गए हैं।
17 विमानों ने ताइवान स्ट्रेट की मध्य रेखा को पार किया
एमएनडी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर बताया कि 25 विमानों में से 17 ने ताइवान स्ट्रेट की मध्य रेखा को पार किया और ताइवान के पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में इन्होंने प्रवेश किया। इसके जवाब में ताइवान ने चीन की गतिविधि की निगरानी के लिए विमान, नौसैनिक जहाजों और वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को तैनात किया। एमएनडी के मुताबिक इससे पहले, ताइवान ने मंगलवार सुबह छह बजे से बुधवार सुबह छह बजे तक देश भर में आठ पोत और दो जहाजों के साथ 13 चीनी विमानों का भी पता लगाया था।
ताइवान को अपना हिस्सा मानता है ड्रैगन
गौरतलब है चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है। अब तक चीन ने सीधे ताइवान पर आक्रमण नहीं किया है, पर वह यह सब कुछ ग्रे जोन में करता है। यह चीन की सेना का एक पैंतरा है, जिससे वह सीधे युद्ध तो नहीं करती, पर यह शक्ति प्रदर्शन करती है।
समझें क्या है ग्रे जोन का मतलब
ग्रे जोन का मतलब है कि कोई देश सीधा हमला नहीं करता है, लेकिन हमेशा हमले जैसा डर बनाए रखता है। सीधे सैन्य कार्रवाई की जगह, ऐसी कई चीजें होती रहती हैं, जिनसे हमले का डर बना रहता है। ताइवान के साथ चीन यही कर रहा है। चीन सितंबर 2020 से ‘ग्रे जोन’ रणनीति का अधिक बार उपयोग कर रहा है। जानकारों का मानना है कि ग्रे जोन युद्ध रणनीति दरअसल, एक तरीका है, जिससे लंबी अवधि में धीरे-धीरे प्रतिद्वंद्वी को कमजोर कर दिया जाता है और चीन ताइवान के साथ ठीक यही करने की कोशिश कर रहा है।