बीजिंग। चीन ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने सामान की बिक्री दर बढ़ाने के लिए नई नीति अपनाई है। उसने खुद ही अपनी मुद्रा युआन की कीमत घटा दी है। चीन की मुद्रा युआन एक दशक में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। लेकिन इसका कारण ट्रंप की व्यापार युद्ध की नीति से चीन को हो रहा नुकसान नहीं है। माना जा रहा है चीन का यह कदम न सिर्फ अमेरिका को खफा करेगा, बल्कि पूरी दुनिया में व्यापार युद्ध का खतरा पैदा हो सकता है।
आईएमएफ के मुताबिक, चीन ने अपनी मुद्रा 5 से 27 प्रतिशत घटाई है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में दूसरे देश की सामग्री के मुकाबले चीनी सामग्री के दाम घट गए हैं। इसका सीधा फायदा उसे बिक्री बढ़ने में मिलेगा।
भारत से भी मुद्रा अवमूल्यन की मांग : भारत की अर्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती के बाद विशेषज्ञ यह सुझाव दे रहे हैं कि चीन की तरह ही भारत को भी मुद्रा अवमूल्यन के जरिए रुपये को मजबूत करना चाहिए।