बीजिंग। चीन की आदत है कि वह हमेशा ही दोषारोपण दूसरे पर करता रहा है। अपनी उसी आदत को दोहराते हुए चीन ने एक बार फिर से बीते सोमवार रात को भारत-चीन सेना के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर बयानबाजी कर रहा है। उस झड़प में भारत के 20 भरतीय जवान शहीद हुए थे। भारत की ओर से इस हिंसक झड़प के लिए चीन को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया। चीन के विदेश मंत्री के सामने भी भारत के विदेश मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि यह चीन की पूर्वनियोजित हरकत थी। हालांकि अब चीन अपनी गलती मामने की जगह उल्टा भारत को ही दोषी बता रहा है। अपने झूठे आरोपों में चीन के विदेश मंत्री की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने ने कहा कि भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने आम सहमति को तोड़ दिया और एलएसी को पार किया।
जानबूझकर चीनी अधिकारियों और सैनिकों को भड़काया और उनपर हमला किया। इसके बाद शारीरिक संघर्ष हुआ और चोटें आईं। इसके आगे विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत को वर्तमान स्थिति को गलत नहीं समझना चाहिए या चीन की अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति को कम नहीं आंकना चाहिए। हालांकि हिंसक झड़प के बाद दोनों पक्षों में मेजर जनरल स्तर की तीसरी वार्ता आज भी हो रही है। कल की बैठक बेनतीजा रही थी। वहीं कुछ टीवी पत्रकार कल लेह पहुंचे हैं। वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई झड़प के बाद यहां का दौरा करेंगे। इसके अलावा विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को चीनी विदेश मंत्री वांग से हिंसक झड़प के लिए बेहद कड़े शब्दों में विरोध दर्ज कराया। वांग की ओर से आए फोन पर बातचीत में दोनों पक्ष तनाव कम करने, मौजूदा हालात से निपटने और हालात नियंत्रित करने पर सहमत हुए।