India-China Relationship, (आज समाज), बीजिंग: भारत-चीन की सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ ही पूर्वी लद्दाख में व्यवस्थित तरीके से पीछे हट रही हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक बार फिर आज इस बात की पुष्टि की है। गौरतलब है कि हाल ही में सीमा पर टेंशन कम करने के लिए भारत और चीन एक समझौते पर पहुंचे हैं। इस करार के एक सप्ताह के अंदर ही दोनों देशों की सेनाओं ने एलएसी पर पीछे हटना शुरू कर दिया है।
- मोदी-जिनपिंग के बीच रूस में हुई थी मुलाकात
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लिन जियान एलएसी पर सेनाओं की पीछे हटने की प्रगति को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन-भारत बॉर्डर से संबंधित मसलों के समाधान पर पहुंच गए हैं और बॉर्डर पर पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं व्यवस्थित तरीके से पीछे हट रही हैं। चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसके अलावा कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया।
2 अक्टूबर को पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू की
बता दें कि दोनों देशों की सेनाओं ने समझौते के अंतर्गत इसी 2 अक्टूबर को पूर्वी लद्दाख के डेमचौक और देपसांग में टकराव वाले दो प्वाइंट पर सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के शी जिनपिंग के बीच रूस में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान बातचीत भी हुई थी।
पीछे हटने पर लगातार नजर रख रहे सैन्य अधिकारी
मोदी व जिनपिंग के बीच मुलाकात के बाद पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।भारतीय सैन्य अधिकारी डेमचौक व देपसांग में सैनिकों के पीछे हटने पर लगातार नजर रख रहे हैं। जानकारी के अनुसार डेमचौक में दोनों ओर से अब तक कई टेंट हटाए लिए गए हैं। बताया गया है कि यह प्रक्रिया पूरी हो गई है।
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